Wednesday , January 15 2025

लेख/स्तम्भ

फायदेमंद गरीबी

-अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) एक समय था जब स्वयं को गरीब बताना हीन भावना को जन्म देता था लेकिन अब स्वयं को गरीब दर्शाना फायदेमंद हो गया है…. स्वतंत्रता के बाद देश में जातिगत भेदभाव और गरीबी से उत्थान के लिए छात्रवृत्ति, अनुदान और विभिन्न योजनाओं इत्यादि के …

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नवरात्रि का संदेश : नारी सशक्तीकरण

-डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनसे हमें ज्ञात होता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी विशाल, संपन्न एवं समृद्ध है। यदि नवरात्रि की बात करें तो यह पर्व भी भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। विगत कुछ दशकों से देश में महिला सशक्तीकरण …

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पाली (राजस्थान) में ‘मीडिया गुरु सम्मान’ से अलंकृत हुए पत्रकारिता के ‘संजय’

– दामोदर सिंह राजावत 29 सितंबर 2024 का दिन पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। राजस्थान के पाली मारवाड़ में आयोजित एक भव्य समारोह में, प्रो.(डॉ.) संजय द्विवेदी को “मीडिया गुरु सम्मान” से अलंकृत किया जा रहा है। यह सम्मान उनकी अब तक …

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अंत्योदय से समृद्ध होगा भारत

-डॉ. सौरभ मालवीय देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश …

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राजनेताओं से भी लिया जाए काम का लेखा-जोखा…

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र को समझाते हुए अब्राहम लिंकन ने कहा था, “जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन”, जहाँ जनता अपने बीच से ही एक व्यक्ति को नेता चुनती है और वही नेता जनता के हित में काम करते हैं। यह नेता जनता के …

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शिक्षा ज्ञान परम्परा पर आधारित हो

(डॉ. सौरभ मालवीय)शिक्षा को लेकर समय-समय पर अनेक प्रश्न उठते रहते हैं जैसे कि शिक्षा पद्धति कैसी होने चाहिए? पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए? विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका कैसा होना चाहिए? वास्तव में स्वतंत्रता से पूर्व देश में अंग्रेजी शासन था। अंग्रेजों ने अपनी सुविधा एवं आवश्यकता के अनुसार शिक्षा …

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सामाजिक परिवर्तन की संवाहक है, लखपति दीदी

स्टार्टअप से लेकर स्पेस तक बहनों ने अपनी पहचान स्थापित की है मेरी बहनों, प्रधानमंत्री का संकल्प है किसी बहन के आंखों में आंसू न रहें, हर एक चेहरे पर मुस्कुराहट आए, कोई मजबूर न रहे, इसलिए उन्होंने लखपति दीदी अभियान चलाया है। ऐसी दीदी जिनकी सालाना आय 1 लाख …

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आधी रात में केक काटने का चलन: उत्सव या दिखावा?

कुछ दिनों पहले ही मेरा जन्मदिन बीता, रात के 12 बजते ही अचानक से फोन बज उठा। जन्मदिन की बधाई देने के लिए परिचितों के फ़ोन और मैसेज की जैसे कतार सी लग गई, ऐसा लग रहा था मानों रात के 12 बजे का समय एकदम से विशेष बन गया …

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राजनीति को नया आयाम देने के लिए जरुरी युवाओं की भागीदारी…

युवाओं के हाथ में राजनीति के नए युग की शुरुआत… राजनीति—यह शब्द सुनते ही अक्सर हमारे मन में नकारात्मक विचारों की बाढ़ आ जाती है। भ्रष्टाचार, सत्ता की भूख, और धोखाधड़ी जैसे शब्द हमारे दिमाग में घूमने लगते हैं। समाज में राजनीति और राजनेता दोनों को ही नकारात्मक दृष्टि से …

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‘भारत का मज़बूत आधार: जन धन योजना का विस्तार’

लेखक : वीरेंद्र सिंह रावत (आर्थिक पत्रकार और समीक्षक) भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में जनता के कल्याण एवं नियोजित विकास को गति देना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश में भिन्न-भिन्न सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य के चलते, सरकार के सामने एक चुनौती सदा रहती है कि वह कैसे गरीब …

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