सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर ही जीवन की गाड़ी चलती है। जीवन में जितना सुख आता है उतना ही दुःख भी आता है। फिर भी हम सुख का स्वागत तो खुले दिल से करते हैं लेकिन दुःख का नहीं….। जबकि हम भी …
Read More »लेख/स्तम्भ
आसान नहीं है एक स्त्री के लिए दीवाली की सफाई
(संध्या श्रीवास्तव) यूं ही लोग नहीं कहतेआसान नहीं है दीवाली की सफाईतन मन दोनों ही महसूस करते हैंएक कसक एक दर्दहर साल की तरह इस साल भीजब करने बैठी दीवाली की सफाईकोने कोने से निकाल करएक एक सामान को लगी झाड़नेसबसे पहले नजर आया वो बक्साजिसमें मम्मी पापा ने सहेज …
Read More »अश्लीलता की बाढ़ में बर्बाद होती युवा पीढ़ी
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बढ़ती अश्लीलता, देश के लिए नई चुनौती खड़ी कर रही है… भारतीय संस्कृति में सदाचार, चरित्र निर्माण, विनम्रता, प्रेम, दया, त्याग, और आदर-सम्मान जैसे सद्गुणों को हमेशा से ही प्रमुखता दी गई है। इसके बावजूद, समाज में बढ़ते अपराध और नैतिक पतन की ख़बरें …
Read More »फायदेमंद गरीबी
-अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) एक समय था जब स्वयं को गरीब बताना हीन भावना को जन्म देता था लेकिन अब स्वयं को गरीब दर्शाना फायदेमंद हो गया है…. स्वतंत्रता के बाद देश में जातिगत भेदभाव और गरीबी से उत्थान के लिए छात्रवृत्ति, अनुदान और विभिन्न योजनाओं इत्यादि के …
Read More »नवरात्रि का संदेश : नारी सशक्तीकरण
-डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनसे हमें ज्ञात होता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी विशाल, संपन्न एवं समृद्ध है। यदि नवरात्रि की बात करें तो यह पर्व भी भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। विगत कुछ दशकों से देश में महिला सशक्तीकरण …
Read More »पाली (राजस्थान) में ‘मीडिया गुरु सम्मान’ से अलंकृत हुए पत्रकारिता के ‘संजय’
– दामोदर सिंह राजावत 29 सितंबर 2024 का दिन पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। राजस्थान के पाली मारवाड़ में आयोजित एक भव्य समारोह में, प्रो.(डॉ.) संजय द्विवेदी को “मीडिया गुरु सम्मान” से अलंकृत किया जा रहा है। यह सम्मान उनकी अब तक …
Read More »अंत्योदय से समृद्ध होगा भारत
-डॉ. सौरभ मालवीय देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश …
Read More »राजनेताओं से भी लिया जाए काम का लेखा-जोखा…
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र को समझाते हुए अब्राहम लिंकन ने कहा था, “जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन”, जहाँ जनता अपने बीच से ही एक व्यक्ति को नेता चुनती है और वही नेता जनता के हित में काम करते हैं। यह नेता जनता के …
Read More »शिक्षा ज्ञान परम्परा पर आधारित हो
(डॉ. सौरभ मालवीय)शिक्षा को लेकर समय-समय पर अनेक प्रश्न उठते रहते हैं जैसे कि शिक्षा पद्धति कैसी होने चाहिए? पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए? विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका कैसा होना चाहिए? वास्तव में स्वतंत्रता से पूर्व देश में अंग्रेजी शासन था। अंग्रेजों ने अपनी सुविधा एवं आवश्यकता के अनुसार शिक्षा …
Read More »सामाजिक परिवर्तन की संवाहक है, लखपति दीदी
स्टार्टअप से लेकर स्पेस तक बहनों ने अपनी पहचान स्थापित की है मेरी बहनों, प्रधानमंत्री का संकल्प है किसी बहन के आंखों में आंसू न रहें, हर एक चेहरे पर मुस्कुराहट आए, कोई मजबूर न रहे, इसलिए उन्होंने लखपति दीदी अभियान चलाया है। ऐसी दीदी जिनकी सालाना आय 1 लाख …
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