Monday , October 13 2025

लेख/स्तम्भ

शिक्षक जीवन के आधार स्तंभ

कच्ची मिट्टी चाक पर  गढता जाये कुम्हार घिस घिस कर फिर देता है उसे एक नया आकार  कोमल मन और अबोध सा बचपन  मात पिता के संग  बोलना चलना हाथ पकड कर सीखा उनके संग  शिक्षा के मन मंदिर मे जब  रखा पहला कदम  पहली बार वो हाथ छुड़ाकर मात …

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आधुनिक शिक्षक आज के दौर के 

खो गई है किताबे आज के इस दौर में  कौन पलटे पन्ने अब इस मोबाइल के दौर में  लिख कर सिखाते थे जो गिनती स्लेट पर चाक से अब सिखाते है उन्हे मोबाइल के शोर से  ब्लैक बोर्ड अब हो गया आउटडेटेड  स्मार्ट बोर्ड ने कमान सम्भाली  होमवर्क अब लिखने …

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अधिकार

मत समझो मुझको तुम बेटीमैं हूं बस बाबुल की बेटीपर इतना अधिकार मुझे दोसदा रहूं मैं उनकी बेटी।बाबुल ने भारी मन सेजिस दिन मुझको विदा कियाजुड़ा नाम उस दिन से मेरातेरे घर की चौखट तक से।बनी बहुपर बोला बेटीपर बेटी का मान नहींछोटी सी इक भूल पे पूछाक्या मां बाबा …

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मध्यमवर्गीय परिवारों को सुरक्षा प्रदान करेगा ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध का नया कानून

(मृत्युंजय दीक्षित) संसद का मानसून सत्र वैसे तो विपक्षी दलों के हंगामे की बारिश में बह गया किंतु केंद्र सरकार ने इसमें भी जनता के हितों की सुरक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निपटाया और जनमहत्व के कई  क्रांतिकारी विधेयक पारित करवाने में सफलता प्राप्त की। यदि विपक्ष …

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अब मैने अखबार पढ़ना छोड़ दिया है

  दम घुटता है मेरा उन खबरों से  जिसमे गूंजती है चीत्कारे  एक मासूम बच्ची की  होता है अफसोस उन दरिंदो पर  जिन्हे मिलती नही है सजा  अपने कुकृत्यों की  अब मैने अखबार पढ़ना छोड़ दिया है दम घुटता है मेरा उन खबरों से  जहां उत्पीड़न होता है निर्बल लोगो …

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तुझे न देखूं तो चैन मुझे आता नही 

(व्यंग) कितनी बेसब्री से  रहता है इंतजार तुम्हारा कटता नही है मेरा  एक दिन भी तुम्हारे बिना तुम ही तो हो मेरे दिल का सुकून सह लेती हूं इसीलिए नखरे तुम्हारे तुम्हारी मुहब्बत ही तो है  जो मजबूर कर देती है मुझे  सुनने को पति और बच्चों के ताने  सिर्फ …

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‘शिव’ और ‘शक्ति’ की एकता और महिमा

(विकास मिश्र) ‘शिव और शक्ति’ ये दो नाम मात्र प्रतीक हैं उस अनादि, अनन्त, अपौरुषेय तत्त्व के, जो स्वयं में पूर्ण है और जिसकी महिमा से समस्त सृष्टि का प्रारंभ, संचालन और संहार होता है। ‘शिवः शक्त्या युक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितुं’ यह श्लोक शृंगारलहरी का प्रथम श्लोक है, इसका …

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हिन्दू या भगवा कभी आतंकवादी नहीं हो सकता 

(मृत्युंजय दीक्षित) 2004 से 2014 के मध्य पूरा भारत आतंकवाद से त्रस्त था। आये दिन होने वाले आतंकी बम धमाकों ने देश की जनता को भयभीत कर रखा था। ऐसे ही  बम धमाकों की श्रृंखला में महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाकों में कम से …

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विरोधी दलों ने भारतीय जनमानस के साथ खड़ा होने का अवसर खो दिया

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा (मृत्युंजय दीक्षित) पहलगाम की आतंकी घटना के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से अपनी अदभुत वीरता व पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को मात्र बाईस मिनट में नष्ट कर दिया। राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडी …

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शतरंज के वैश्विक बोर्ड पर भारत का दिव्य अधिकार

 (मृत्युंजय दीक्षित) वैश्विक शतरंज में वर्ष 2025 एक ऐसी  दिव्य उपलब्धि लेकर आया है जिसे तब तक स्मरण किया जाएगा  जब तक वैश्विक मंच पर शतरंज खेला जाएगा और शतरंज के प्रेमी रहेंगे। भारत की 88वीं ग्रेंड मास्टर बनीं 19वर्षीय दिव्या देशमुख ने जार्जिया के बाटुमी में हुए फिडे महिला …

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