नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के लिए भारत के सबसे तेज़ी से उभरते गंतव्यों में से एक के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य की इस क्षमता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से, इन्वेस्ट यूपी ने डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के सहयोग से शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित ताज होटल में एक उच्च-स्तरीय जीसीसी समिट का आयोजन किया।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में कैपजेमिनी (Capgemini), सर्कल के, इंटर्रा आईटी, सिंपलर आईटी और मर्सर इंडिया जैसी अग्रणी वैश्विक कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों एवं नीति निर्माताओं ने भाग लिया। सभी ने उत्तर प्रदेश के विस्तारित तकनीकी एवं नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश और विस्तार की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
समिट में “जीसीसी और तकनीक-संचालित रणनीतिक जोखिम प्रबंधन” जैसे विषयों पर पैनल चर्चाएँ हुई। इसमें ओरियन इनोवेशन और एसीए ग्रुप सहित 16 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों के विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश में जीसीसी पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने और उसे भविष्य के लिए तैयार करने पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि साझा की।
इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने “उत्तर प्रदेश में जीसीसी का अगला अध्याय” विषय पर एक विशेष सत्र का नेतृत्व किया। इस अवसर पर इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद ने टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर जीसीसी के बढ़ते रुझान को रेखांकित किया। उन्होंने राज्य की बेहतर कनेक्टिविटी, व्यापक एक्सप्रेसवे नेटवर्क, विस्तारित हवाई संपर्क और समर्पित माल ढुलाई गलियारों को लागत-कुशल संचालन और विकेंद्रीकरण के प्रमुख रूप से निवेशको के सामने प्रस्तुत किया।
विजय किरण आनंद ने उत्तर प्रदेश के मज़बूत शैक्षणिक आधार पर भी प्रकाश डाला। जहाँ IIT कानपुर, बीएचयू और आईआईएम लखनऊ सहित 8,000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान विश्व स्तरीय तकनीक रूप से दक्ष प्रतिभाओं का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एआई, क्लाउड, वित्त और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में एकीकृत पारिस्थितिकी प्रणालियों के साथ, उत्तर प्रदेश अगले कुछ वर्षों में एक लाख से अधिक रोजगार सृजित करने की दिशा में अग्रसर है और डिजिटल मूल्य सृजन का प्रमुख केंद्र बन रहा है।
इससे पहले 25 सितंबर को नोएडा के एक होटल में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आलोक कुमार ने एक समर्पित जीसीसी गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में रेडी-टू-मूव वाणिज्यिक स्थलों की उपलब्धता पर प्रकाश डाला। साथ ही आगामी जीसीसी नीति 2024 पर भी प्रकाश डाला, जो वैश्विक खिलाड़ियों के लिए एक सहज निवेश वातावरण बनाने हेतु क्षेत्र-विशिष्ट प्रोत्साहन, प्लग-एंड-प्ले सुविधाएँ और एकल-खिड़की मंज़ूरियाँ प्रदान करती है।
कॉन्क्लेव के दौरान आयोजित आमने-सामने की बैठकों में कई जीसीसी प्रतिभागियों ने उत्तर प्रदेश की जीसीसी नीति के अंतर्गत उपलब्ध प्रोत्साहनों, मज़बूत प्रतिभा पूल, उत्कृष्ट बुनियादी ढाँचे और सक्रिय शासन से प्रभावित होकर राज्य में निवेश की गहरी रुचि दिखाई।