लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुंह में सुपारी, लौंग या कोई और चीज रखकर सो जाना कई लोगों की आदत होती है लेकिन यह आदत बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। नींद के दौरान कई बार इस तरह की चीजें सांस की नली के रास्ते फेफड़ों में पहुंच सकती है और लंबे समय तक बार-बार होने वाले संक्रमण का कारण बन सकती हैं।
हाल ही में अपोलो हॉस्पिटल में कुछ ऐसा ही केस देखने को मिला। जहां करीब 70 साल की एक बुजुर्ग महिला बार-बार छाती में संक्रमण और निमोनिया की शिकायत के साथ अस्पताल में आई। हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। इस दौरान एक्स-रे और सीटी स्कैन की जांच में उनके फेफड़ों में निमोनिया पाया गया। मरीज को पहले से हृदय संबंधी समस्या, हाई ब्लड प्रेशर था और वह ब्लड थिनर भी ले रही थी। बीमारी के कारण को समझने के लिए डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोपी करने का निर्णय लिया।

अपोलो हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शुभम अग्रवाल ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी के दौरान यह देखा गया कि जिस हिस्से में निमोनिया था, वहां फेफड़े के अंदर कोई वस्तु फंसी हुई है। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उस वस्तु को निकालना बेहद जरूरी है और इसके लिए जनरल एनेस्थीसिया और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। प्रक्रिया लंबी होने के कारण परिवार पहले घबरा गया लेकिन बातचीत और समझाने के बाद उन्होंने सहमति दी।
इसके बाद मरीज को पूरी तरह बेहोश कर फेफड़ों के अंदर कैमरे और विशेष उपकरण की मदद से वह वस्तु बाहर निकाली गई। प्रक्रिया के दौरान हल्की ब्लीडिंग हुई, जिसे दवाओं से नियंत्रित कर लिया गया। जब वह वस्तु बाहर निकाली गई, तो वह सुपारी का एक टुकड़ा था। परिवार ने बताया कि मरीज को सुपारी चबाने की आदत थी और वह कई बार रात में भी मुंह में सुपारी रखकर सो जाती थीं। यही सुपारी का टुकड़ा उनके फेफड़ों में फंसा हुआ था और उसी की वजह से उन्हें लंबे समय से बार-बार संक्रमण हो रहा था। सुपारी का टुकड़ा निकालने के बाद मरीज की हालत तेजी से सुधरी, उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया और कुछ ही समय में वह स्वस्थ होकर घर लौट गई।

डॉ शुभम ने कहा कि जब कोई बाहरी चीज सांस के रास्ते फेफड़ों में फंस जाती है, तो उसके आगे का पूरा हिस्सा संक्रमित हो जाता है और वहां मवाद बन सकता है। कई बार व्यक्ति के गहरी नींद में होने पर सांस की नली से फेफड़े में जाकर फंसी चीज़ों का पता भी बस हल्की खांसी से नहीं चल पाता है। खांसी की दवा या नेब्यूलाइज़र के इस्तेमाल से कई बार ये लक्षण भी धीमे पड़ जाते हैं और एक्स रे से पता भी नहीं चल पाता कि फेफड़े में कुछ फंसा है। ऐसे में बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
डॉक्टर शुभम ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति मुंह में सुपारी, लौंग या कोई भी चीज रखकर सोता है तो यह बेहद खतरनाक है, ये आदत जान के लिए ख़तरा हो सकती है। इसके अलावा अगर किसी वयस्क को बार-बार छाती का संक्रमण या निमोनिया हो रहा है, तो यह भी देखना जरूरी है कि कहीं कोई बाहरी वस्तु फेफड़ों में तो नहीं फंसी है। नींद में ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति को खांसी के जरिए भी इसका साफ़ संकेत नहीं मिल पाता, जिससे असली कारण लंबे समय तक छुपा रह जाता है।
डॉ. मयंक सोमानी (एमडी और सीईओ, अपोलमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल) ने कहा कि यह केस बताता है कि रोज़मर्रा की छोटी और लापरवाही भरी आदतें जैसे रात में कुछ चबाते हुए सोना गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं। फेफड़ों में फंसी बाहरी वस्तु लंबे समय तक बिना साफ़ लक्षण के संक्रमण फैलाती रहती है और इलाज केवल दवाओं तक सीमित रह जाता है। समय पर सही जांच और इलाज से न सिर्फ बीमारी की असली वजह भी सामने आई, बल्कि मरीज की जान बची। इसलिए बार-बार होने वाली खांसी या संक्रमण के पीछे छिपे कारणों की गहराई से जांच जरूरी है।
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