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18वें सांख्यिकी दिवस पर ई-सांख्यिकी पोर्टल का किया गया शुभांरभ


भारत को विकास की राह पर प्रगति के लिए डेटा आधारित नीति निर्माण को निरंतर जारी रखना चाहिए : डॉ. अरविंद पनगढ़िया

नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर (दिवंगत) प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के अवसर पर उनके द्वारा दिए गए महत्‍वपूर्ण योगदान के सम्मान में, भारत सरकार ने हर वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिवसों की श्रेणी में “सांख्यिकी दिवस” के रूप में नामित किया है। सांख्यिकी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से युवा पीढ़ी व जनमानस में देश के विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में जागरूकता लाना है।

वर्ष 2007 से, सांख्यिकी दिवस समकालीन राष्ट्रीय महत्व की भावना के साथ मनाया जाता है। सांख्यिकी दिवस, वर्ष 2024 की विषय वस्तु “निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग” है। डेटा संचालित निर्णय लेने की अवधारणा किसी भी क्षेत्र में सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। यह आधिकारिक सांख्यिकी से प्राप्त सांख्यिकीय जानकारी की उचित समझ और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की सुविधा के लिए पहली आवश्यक शर्तों में से एक है।

सांख्यिकी दिवस, वर्ष 2024 के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के दिल्ली कैंट में स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर, 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने मुख्‍य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय सांख्यिकी प्रणाली को सफल बनाने में प्रो. पीसी महालनोबिस के महत्‍वपूर्ण योगदान के बारे में बताया। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि भारत को विकास की राह पर प्रगति के लिए डेटा संचालित नीति निरंतर जारी रखना चाहिए।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष ने डेटा को अधिकतम सुलभ और उपयोगी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सुझाव दिया कि डेटा तैयार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी से लाभान्वित होने के मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने हितधारकों के बीच समन्वय के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए डेटाबेस की इंटरऑपरेबिलिटी और लिंकिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव ने दर्शकों को संबोधित करते हुए सर्वेक्षण डेटा में समय-अंतराल को कम करने के लिए मंत्रालय द्वारा की जा रही पहलों पर प्रकाश डाला। जैसे कि कंप्यूटर-सहायता प्राप्त व्यक्तिगत साक्षात्कार (सीएपीआई), नए सर्वेक्षण, उपयोगकर्ता जुड़ाव अभ्यास और अभी लॉन्च किए गए ई-सांख्यिकी पोर्टल। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सांख्यिकी दिवस की थीम सांख्यिकीय कर्मियों और योजनाकारों को डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रेरणा देगी।  

इस आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, विश्व बैंक आदि के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम को मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से वेब-कास्ट/लाइव स्ट्रीम भी किया गया। इस अवसर पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए आयोजित ‘ऑन द स्पॉट निबंध लेखन प्रतियोगिता, 2024’ के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

तकनीकी सत्र के दौरान, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के पूर्व सचिव डॉ. अजय कुमार ने सुशासन में डेटा के महत्व पर उपस्थित जनों को संबोधित किया। उन्होंने अत्‍याधुनिक रूप से बदलते डिजिटल युग में डेटा के महत्व और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की जिम्‍मेदारीपूर्ण भूमिका और इसकी सीमाओं पर प्रकाश डाला। इसके पश्‍चात विश्व बैंक समूह के गरीबी और समानता वैश्विक अभ्यास के वैश्विक निदेशक श्री लुइस फेलिप लोपेज़-कैल्वा द्वारा निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग करने के वैश्विक अनुभव पर एक प्रस्तुति दी गई। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि डेटा प्रभावी नीति निर्माण के लिए एक आधारभूत सरंचना है, साथ ही उन्होंने प्रचलित वैश्विक पद्धतियों को साझा किया।

ताजा सतत विकास लक्ष्य पर आधारित – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा (एसडीजी- एनआईएफ), हर वर्ष 29 जून को सांख्यिकी दिवस के अवसर पर समय श्रृंखला डेटा के साथ एसडीजी पर प्रगति रिपोर्ट जारी करता है, साथ ही प्रगति रिपोर्ट से प्राप्त दो पुस्तिकाएँ भी जारी करता है। इस आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर तीन रिपोर्ट जारी की गईं।

इस अवसर पर सांख्यिकी मंत्रालय ने देश में आधिकारिक सांख्यिकी के प्रसार में सुलभता के लिए एक व्यापक डेटा प्रबंधन और साझाकरण प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से एक ई सांख्यिकी पोर्टल (https://esankhyiki.mospi.gov.in) लॉन्च किया। पोर्टल को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in/) के माध्यम से भी एक्सेस किया जा सकता है। इसका उद्देश्य योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और जनमानस  के लिए समय पर इनपुट प्रदान करना है। ईसांख्यिकी पोर्टल में दो खंड हैं जो डेटा की आसान पहुँच और पुनः उपयोग की सुविधा प्रदान करते हैं। जिनके नाम हैं:

डेटा कैटलॉग: कैटलॉग में मंत्रालय की प्रमुख डेटा संपत्तियाँ जैसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, सामयिक श्रम बल सर्वेक्षण और घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण एक ही स्थान पर सूचीबद्ध हैं।

मैक्रो संकेतक: यह फ़िल्टरिंग और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए सुविधाओं सहित प्रमुख मैक्रो संकेतकों का समय श्रृंखला डेटा प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को कस्टम डेटासेट, विज़ुअलाइज़ेशन डाउनलोड करने और अप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से वहां तक पहुँच की अनुमति प्रदान करता है, जिससे डेटा की पुनः उपयोगिता में वृद्धि होती है। वर्तमान समय में, इस खंड में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के चार प्रमुख उत्पाद शामिल हैं: राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, इसमें पिछले दस वर्षों के डेटा शामिल हैं।