Friday , August 1 2025

इन्वेस्ट यूपी ने जापान के साथ रणनीतिक सहयोग को दी नई गति

  • इंडो-जापान तकनीकी गठजोड़ को इन्वेस्ट यूपी ने दी मजबूती, जीसीसी और प्रतिभा विनिमय पर केंद्रित रहा संवाद

ओसाका/लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जापान दौरे पर गए उत्तर प्रदेश प्रतिनिधिमंडल व इन्वेस्ट यूपी द्वारा कोबे स्थित प्रतिष्ठित इंडिया क्लब में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें भारत और जापान के प्रमुख प्रतिनिधियों और उद्योग संघों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य जापान के साथ द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना और नए निवेश अवसरों की संभावनाओं को तलाशना।

बैठक में ओसाका प्रांत के प्रतिनिधि, मिनिस्ट्री ऑफ इकॉनमी, ट्रेड व उद्योग (एमईटीआई METI) कंसाई, जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (JETRO) कोबे, इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO), निप्पॉन इंडो सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र NICE (एनआईसीई), इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स जापान (ICCJ) और जापान महावाणिज्य दूत, चंद्रु अपार सहित कई गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर व्यापार, निवेश और रणनीतिक साझेदारी को लेकर खुले विचार-विमर्श हुए। एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह रहा कि इन्वेस्ट यूपी और जापानी पक्षों के बीच नियमित संवाद को संस्थागत रूप दिया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और निवेश के नए अवसर सृजित होंगे।

इसी क्रम में इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों ने ओसाका में जापान की प्रतिष्ठित कंपनी मोराबू हनशीन कंपनी (MORABU HANSHIN Industry Co., Ltd.) के साथ रणनीतिक बैठक की। यह कंपनी वर्तमान में आईआईटी छात्रों की भर्ती कर रही है और अब उत्तर प्रदेश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों से भी प्रतिभावान युवाओं को जोड़ने की इच्छा रखती है।

मोराबू हनशीन उत्तर प्रदेश में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने की संभावना पर भी विचार कर रही है। कंपनी ने राज्य की कुशल कार्यबल, नवाचार क्षमता और निवेश अनुकूल नीतियों की सराहना की। यह कदम तकनीकी क्षेत्र में गहरे सहयोग, प्रतिभा विकास और अनुप्रयुक्त शोध की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

साथ ही, वर्ल्ड एक्सपो 2025 में उत्तर प्रदेश का पेवेलियन वैश्विक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में निर्मित, विश्व द्वारा प्रशंसित “Crafted in Uttar Pradesh, Admired by the World!” थीम के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत बनारसी वस्त्र, शाजर पत्थर की कफलिंक और नाजुक धातु कला जैसे उत्पादों की प्रदर्शनी हो रही है। जो प्रदेश की परंपरा, कौशल और उत्कृष्ट कारीगरी को विश्व पटल पर प्रस्तुत कर रहे हैं। ओडीओपी का क्रेज विदेशों में भी है और इसके उत्पाद सभी आगन्तुको द्वारा सराहे जा रहे हैं।

ये उत्पाद केवल आर्थिक अवसर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का नया वैश्विक संस्करण हैं। राज्य आज निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है—केवल पूंजी के लिए नहीं, बल्कि परंपरा और परिवर्तन के संगम का अनुभव करने के लिए भी।