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अपोलोमेडिक्स : अनूठी और दुर्लभ प्रक्रिया अपनाकर बचाई मरीज की जान

कैथेटर-आधारित थेरेपी से डॉक्टर्स ने दुर्लभ मामले में एक साथ किया एंजियोप्लास्टी, वाल्व रिप्लेसमेंट और पेसमेकर इम्प्लांटेशन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अपोलोमेडिक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर्स ने रोगी की जान बचाने के लिए एक अनूठी और दुर्लभ प्रक्रिया अपनाई। इस दुर्लभ और जटिल प्रक्रिया में कैथेटर-आधारित थेरेपी के साथ-साथ एंजियोप्लास्टी, वाल्व रिप्लेसमेंट और पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया गया। यह उत्तर प्रदेश में पहली बार की गई यह एक दुर्लभ प्रक्रिया है, जिसे कुशल डॉक्टरों की टीम ने मात्र तीन घंटे में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।

एक सत्तर वर्षीय व्यक्ति मरीज में जांच के बाद केनकोमिटेंट एनजाइना के साथ गंभीर एआर्टिक स्टेनोसिस का निदान किया गया था। उनकी एंजियोग्राफी कहीं और की गई थी, जिसमें प्रमुख कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज पाया गया था। साथ ही उनकी हृदय गति भी कम हो गई थी, जिसके लिए उन्हें दोबारा पेसमेकर लगवाने की भी सलाह दी गई थी।

 इन सभी समस्याओं के होने पर मरीज ने अगस्त के तीसरे सप्ताह में अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉ. गौतम स्वरूप से संपर्क कर सलाह ली। उनकी अधिक उम्र और छोटा कद ओपन हार्ट सर्जरी और वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए उच्च जोखिम का कारण बन सकता था। इसलिए डॉक्टरों ने तीनों मामलों का इलाज मिनिमम इनवेसिव तकनीक से करने का फैसला किया।

लोकल एनेस्थीसिया के साथ रोगी की एंजियोप्लास्टी, टीएवीआर और पेसमेकर का इम्प्लांट सभी एक साथ किए गए। मरीज अब ठीक हैं और सर्जरी के तीन दिनों के भीतर उन्हें छुट्टी भी दे दी गई।

अपोलोमेडिक्स अस्पताल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया कि यह पहली बार है जब उत्तर भारत में इस तरह का अनोखा ऑपरेशन किया गया है। इसके साथ ही अपोलोमेडिक्स अस्पताल की कार्डियोलॉजी यूनिट ने परक्यूटेनियस हार्ट वाल्व ट्रांसप्लांट में एक नई उपलब्धि हासिल की है।

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, “यह मामला बेहद गंभीर और जटिल था और मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य स्थिति से संबंधित किसी भी जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद आवश्यक था।अपोलोमेडिक्स के डॉक्टरों ने इस क्षेत्र में पहली बार एक दुर्लभ सर्जरी की। जिसमें मरीज को कैथेटर-आधारित थेरेपी से एंजियोप्लास्टी, वाल्व रिप्लेसमेंट, पेसमेकर इम्प्लांटेशन की जटिल प्रक्रिया एक साथ सफलतापूर्वक पूरी की गई।”