Thursday , November 14 2024

सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 अभियान 7 अगस्त से, तीन चरणों में चलेगा अभियान

शून्य से पांच वर्ष तक के छूटे बच्चों व गर्भवती महिला  का होगा टीकाकरण 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान (आईएमआई) 5.0 तीन चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण 7 से 12 अगस्त तक, दूसरा 11 सितंबर से 16 सितंबर तक और तीसरा चरण 9 से 14 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि यह अति महत्वाकांक्षी अभियान है। सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान नियमित टीकाकरण से किन्हीं कारणों से छूटे हुए शून्य से पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिला  के टीकाकरण के लिए आयोजित होता है। अब तक यह चार बार आयोजित हो चुका है, यह पांचवां आयोजन है।

शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सीएमओ ने कहाकि हमारा प्रयास रहेगा कि शत – प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करें। सभी सहयोगी विभागों के साथ बैठक हो चुकी हैं।इकाईवार कार्ययोजना एवं कम्युनिकेशन प्लान तैयार कर लिया गया है। ब्लॉक स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय बैठक एवं सहयोग के लिए बैठकें कर ली गई हैं। जिससे सभी ड्यू लाभार्थियों को टीकाकरण से आच्छादित किया जा सके। अभियान में कुल 27 टीकाकरण इकाइयां अपना योगदान देंगी। जिसमें शहरी क्षेत्रों में 16 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 11 इकाइयों द्वारा कुल 2320 सत्रों के माध्यम से शून्य से पाँच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिला को टीका लगाया जाएगा। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एपी मिश्रा ने जानकारी दी कि जनपद में हेड काउंट सर्वे डेटा में शून्य से पांच साल तक की आयु के कुल 3,49,116 बच्चे हैं। जिसमें डिप्थीरिया, परट्यूसिस, टिटेनस, हिपेटाईटिस बी एवं इंफ्लूएंजा टाइप बी (पेंटा-1) टीके के ड्यू बच्चों की संख्या 6444, पेंटा -2 टीके के ड्यू बच्चों की 3411 एवं पेंटा – 3 टीके के ड्यू बच्चों की संख्या 3291 हैं। इसके साथ ही मीजल्स –  रुबेला (एमआर) की पहली डोज से छूटे बच्चों की संख्या 4601 और दूसरी डोज से छूटे  बच्चों की संख्या 4461, टिटेनस एवं वयस्क डिप्थीरिया (टीडी) के टीके की ड्यू गर्भवती महिलाओं की संख्या 3592 है। जनपद में 2115 आशा कार्यकर्ता, 592 एएनएम एवं 1134 लिंक वर्कर के माध्यम से यह अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और सीफॉर के प्रतिनिधि मौजूद रहे।