लखनऊ : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) झांसी कार्यालय में रिश्वतखोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में सीबीआई ने एक आईआरएस अधिकारी और केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के दो अधीक्षकों, एक वकील और एक निजी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने बयान जारी कर बताया कि पकड़े गए और अन्य लोगों के खिलाफ जीएसटी चोरी के मामलों में निजी फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले डेढ़ करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में झांसी सीजीएसटी में तैनात डिप्टी कमिश्नर आईआएस प्रभा भंडारी ने निजी फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले 1.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रिश्वत की मांग की थी। शिकायत दर्ज हाेने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और बुधवार काे डिप्टी कमिश्नर प्रभा के कहने पर 70 लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए अधीक्षक अनिल तिवारी और अजय कुमार शर्मा को रंगे हाथों धर दबोचा लिया। इनके पास से रिश्वत के नाम पर लिए गए 70 लाख रुपये भी जब्त कर लिये। इसके तुरंत बाद सीबीआई ने झांसी सीजीएसटी में तैनात डिप्टी कमिश्नर आईआएस प्रभा भंडारी, एक फर्म के मालिक राजू मंगतानी और बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले अधिवक्धा नरेश कुमार गुप्ता काे भी गिरफ्तार कर लिया।सीबीआई के अधिकारियाें ने तलाशी के दौरान इनके पास से 90 लाख रुपये नकद, कई संपत्ति के दस्तावेज और जेवर आदि भी बरामद किए हैं और अभी तलाशी जारी है। सीबीआई अब तक कुल 1.60 करोड़ रुपये की नकदी जब्त कर चुकी है। आरोपितों का मेडिकल चेकअप के बाद संबंधित कोर्ट में पेश किया जाएगा।—————–
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