नई दिल्ली : भारत अब 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत ने जापान को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। इस वक्त अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी और चीन दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी जीडीपीवित्त वर्ष 2025-26 की (जुलाई-सितंबर) दूसरी तिमाही में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही है, जो पिछली तिमाहियों के मुकाबले काफी बेहतर है। पहली तिमाही में 7.8 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी। जीडीपी की ये ग्रोथ दिखाती है कि वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था न सिर्फ स्थिर है, बल्कि तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत पहले से ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है।अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी इस पर लगाई मुहरभारतीय अर्थव्यस्था की इस ग्रोथ में निजी खपत और मजबूत घरेलू मांग का बड़ा हाथ है। केंद्र सरकार का कहना है कि देश में बेरोजगारी दर में गिरावट आ रही है और महंगाई भी नियंत्रण के दायरे में बनी हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और मूडीज रेटिंग्स जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी सकारात्मक अनुमान जताए हैं। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है।आरबीआई ने भी बढ़ाया ग्रोथ अनुमानरिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, जो पहले 6.8 फीसदी था। रिजर्व बैंक के मुताबिक घरेलू मांग, आयकर और जीएसटी में सुधार, कच्चे तेल की नरम कीमतें, सरकार का शुरुआती कैपिटल खर्च और अनुकूल मौद्रिक हालात इस तेजी के पीछे सबसे बड़े कारण हैं।
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