ऋषि साहित्य मानव जीवन में अमूल चूल परिवर्तन कर देवमानव बना सकता है : उमानंद शर्मा
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, बीकेटी के संदर्भ पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 391वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्ता पीएन दीक्षित एवं रागिनी दीक्षित ने अपने पूर्वजों की स्मृति में भेंट की। जबकि उमानंद शर्मा ने छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ‘‘ऋषि के वाङ्मय साहित्य में जीवन दर्शन की प्रेरणाएं है।’’ संस्था के वीके श्रीवास्तव, पीएन दीक्षित ने भी अपने विचार रखे। इंजीनियरिंग के निदेशक डॉ. प्रितेश सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया। इस अवसर पर उमानंद शर्मा, वीके श्रीवास्तव, पीएन दीक्षित, रागिनी दीक्षित एवं संस्था के एक्जूकेटर डायरेक्टर समता बफेला, इंजीनियरिंग के निदेशक डॉ. प्रितेश सक्सेना, प्रधानाचार्या नीतू भट्ट एवं विभागाध्यक्ष सहित छात्र-छात्रायें, संकाय सदस्य मौजूद थे।
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