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एचआईवी जांच बढ़ाने को रणनीति बनाकर काम करने की जरूरत : प्रमुख सचिव

सोसायटी के रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने के दिए निर्देश 

टैटू पार्लर में एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता लायी जाए 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसायटी कार्यालय में मंगलवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। प्रमुख सचिव ने एचआईवी जांच का दायरा बढ़ाने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहाकि सोसायटी स्तर से प्रदेश में प्रचार-प्रसार गतिविधियों को और बेहतर व प्रभावी बनाने की जरूरत है। वर्तमान में युवाओं मे टैटू बनवाने के क्रेज को देखते हुए टैटू पार्लर में एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता लाने के साथ ही आवश्यकतानुसार जांच कराए जाने का भी सुझाव दिया।   

बैठक के प्रथम चरण में सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार पूर्वक प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान प्रमुख सचिव ने कार्यक्रमों को लेकर कई आवश्यक सुझाव भी दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि सोसायटी स्तर पर रिक्त महत्वपूर्ण सभी पदों विशेषकर प्रतिनियुक्ति वाले पदों को जल्द से जल्द भरा जाये। सोसायटी के तहत संचालित एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्रों (आईसीटीसी) में से जिन केंद्रों पर वार्षिक जांच की संख्या 300 से कम है, उन्हें नोटिस देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जांच का दायरा बढ़ाने के लिए रणनीति बनाकर कार्य किया जाए। सोसायटी द्वारा संचालित सुरक्षा क्लिनिक पर की जा रहीं गतिविधियों का अनुश्रवण किया जाए। 

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन (नाको) भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष जिन केंद्रों का प्रदर्शन कमजोर है, उनकी सूची तैयार की जाए। बेहतर प्रदर्शन न करने वाली सुरक्षा क्लिनिक इकाइयों में से एक चौथाई केंद्रों की नियमित सघन मॉनिटरिंग करते हुए उनका प्रदर्शन सुधारा जाये। हाईवे पर स्थित ढाबों की मैपिंग की जाए, जिससे ट्रक चालकों आदि को जागरूक किया जा सके और एचआईवी परीक्षण भी हो सके। जनपदीय स्तर पर ज़ारी बजट के सापेक्ष लंबित उपयोगिता प्रमाणपत्र को जल्द से जल्द प्राप्त कर धनराशियों का समायोजन पूर्ण किया जाए। बैठक में सोसायटी की परियोजना निदेशक अमृता सोनी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक पिंकी जोवेल तथा सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल ने विचार प्रस्तुत किये और प्रमुख सचिव के निर्देशानुसार आगे की रणनीति बनाए जाने के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दिए।