Monday , July 14 2025

लेख/स्तम्भ

समाज पानी तो फ़िल्टर कर पीता है लेकिन खून नहीं

(राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मालिकराम) कैदियों के प्रति समाज का नज़रिया अपराधी या पीड़ित के बीच नहीं बंटा हुआ है। यह एक कटु सत्य है कि समाज के लिए एक कैदी सिर्फ अपराधी हो सकता है पीड़ित नहीं। यही सोच समाज पर भारी पड़ रही है और न केवल अपराध बल्कि …

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मध्य प्रदेश में तीसरे दल की आवश्यकता और अपना दल (एस) की भूमिका

– अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार) भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण राज्य मध्य प्रदेश, अधिकतर हिंदी भाषी राज्यों की तरह ही केवल दो प्रमुख दलों – भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच विभाजित रहा है। हालाँकि, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, चुनाव दर चुनाव राज्य में कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती …

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भारत की परिवार नियोजन यात्रा: हमारे निर्णायक क्षण और चुनौतियां

जगत प्रकाश नड्डा (केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री) इस विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) के अवसर पर, हम परिवार नियोजन के क्षेत्र में भारत की अविश्वसनीय यात्रा पर गौर करते हैं। हम अपनी सफलताओं का उत्सव मनाते हैं, आशाओं से भरे भविष्य की कामना करते …

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भ्रष्टाचार और पेपर लीक की आग की लपटों में झुलसते छात्र

– अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) भारत की शिक्षा प्रणाली एक भयानक तूफान के चपेट में आ बैठी है। एक ऐसा तूफान, जो धूल-मिट्टी के रूप में अपने साथ भ्रष्टाचार और पेपर लीक का बवंडर साथ लिए चल रहा है। एक ऐसा तूफान, जो अनगिनत छात्रों की उम्मीदों और …

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जेल: एक अनकही यूनिवर्सिटी में बुलंद होते नामी क्रिमिनल्स के हौंसले

जेल एक अनोखी यूनिवर्सिटी है। जेल एक कैदी को इतना सिखा देती है कि हम और आप उस बारे में सोच भी नहीं सकते। अगर यूँ कहा जाए कि जेल, जिंदगी की भूख बढ़ा देती है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं होगा। आप हर एक चीज़ के लिए भूखे …

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शिक्षक तो पढ़ा रहे हैं, लेकिन क्या बच्चे सीख भी रहे हैं?

– अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) शिक्षा का मतलब कभी-भी किसी खाली पात्र में जल भरने तक ही सीमित नहीं रहा है। महान अर्थशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन एवं अभिजीत बनर्जी भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि किसी भी अन्य की तुलना में शिक्षा …

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यह इत्र सबसे महँगा

– अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) फूलों का स्वभाव होता है खुद के साथ ही साथ अपने आसपास के वातावरण को भी महकाना और अपनी महक से सराबोर कर देना हर उस शख्स को, जिसने इसे छुआ है। फूलों से बने इत्र में खूबियाँ और भी बढ़ जाती हैं। …

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ओम बिरला होने का मतलब

सोने जैसे दिल वाला सामाजिक कार्यकर्ता कैसे बना राष्ट्रीय राजनीति का सितारा -प्रो. संजय द्विवेदी ओम बिरला में ऐसा क्या है जो उन्हें लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी पर पहुंचाता है। अपने कोटा शहर में जरूरतमंद लोगों को कपड़े, दवाएं, भोजन पहुंचाते-पहुंचाते बिरला कब राष्ट्रीय राजनीति …

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बच्चों के समग्र विकास में सहायक है समर कैम्प

ऋचा सिंह श्री रामचरित मानस के बाल काण्ड में उल्लेख है कि गुरु गृह गए पढ़न रघुराई अल्पकाल विद्या सब पाई। अर्थात् गुरू के सानिध्य में व्यक्तित्व निर्माण। गुरुकुल परम्परा में बच्चों को भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित कराते हुए उनके अंदर सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना जागृत की जाती है। …

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आसमाँ को ओढ़ता और धरती बिछाता हूँ

(संदर्भ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय नेता अनुपम मिश्र ने इस कविता की रचना करते हुए लिखा है कि यह कविता उन लोगों के जीवन का एक अंश मात्र भी नहीं है जो गाँव से शहर अपने परिवार के लिए रोटी कमाने आते हैं और बिना काम पाए अधिकतर खाली …

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