लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय, लखनऊ के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। चर्चा का विषय जल जमीन जंगल- भावी पीढ़ी के लिए एक स्थायी उपयोग था। इस अवसर पर कुलपति डॉ. एके मित्तल ने डॉ. एस अहमद अली, डीन, स्कूल ऑफ बेसिक साइंस और पैनलिस्ट के साथ पौधरोपण किया। इसका आयोजन बीबीडी एजुकेशनल ग्रुप की चेयरपर्सन अलका दास गुप्ता एवं बीबीडी ग्रुप के प्रेसीडेंट विराज सागर दास के आर्शीवाद से हुआ।
पैनलिस्टों ने स्वस्थ जीवन और स्वस्थ पर्यावरण के लिए संसाधनों के सतत उपयोग पर अपने अनुभव साझा किए। पहले पैनलिस्ट डॉ. वेंकटेश दत्ता, प्रोफेसर, पर्यावरण विज्ञान विभाग, बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ ने नदियों, जलाशयों और भूजल स्तर के संरक्षण के लिए अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने मानव जीवन में जलाशयों के महत्व पर भी चर्चा की है और भावी पीढ़ियों के लिए इसके सतत उपयोग के सुझाव दिए।
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दूसरी पैनलिस्ट डॉ. विधु ए. साने (मुख्य वैज्ञानिक और प्रोफेसर, प्लांट जीन एक्सप्रेशन लैब, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई-सीएसआईआर), लखनऊ थी। उन्होंने भविष्य की पीढ़ी के लिए जंगल की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों को लागू करके जैव विविधता संरक्षण के तरीकों पर अपना अनुभव साझा किया। तीसरे पैनलिस्ट सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल उपाध्याय(संगठन मंत्री, लोकभारती, लखनऊ) थे। उन्होंने पानी के सुरक्षित उपयोग और प्राकृतिक खेती के साथ-साथ भूजल स्तर को ऊपर उठाने के लिए हरि शंकरी और पंच पल्लव वृक्षारोपण की भूमिका के लिए सामुदायिक भागीदारी और जन लामबंदी पर अपना अनुभव साझा किया है। डॉ. पीके सिंह पैनल चर्चा के संयोजक थे। डॉ. मनीषा टी. शर्मा, डॉ. मोनिका गुप्ता, डॉ. शालिनी जी प्रताप, डॉ. शिव शंकर यादव और डॉ. विनय कुमार गुप्ता कार्यक्रमों के सफल समापन में सक्रिय रूप से शामिल रहे।