- आयुष विधाओं के 98 कॉलेज संबद्ध हैं महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय से
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन का साकार रूप है राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय
- एक जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण
गोरखपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना होने से प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों का एकीकृत नियमन संभव हो सका है। इस विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुष के कॉलेजों के नियमन अलग अलग विधाओं की संस्थाओं द्वारा किया जाता था। राज्य के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय की नींव चार साल पहले रखी गई थी और अब एक जुलाई को इसका विधिवत लोकार्पण राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों होने जा रहा है। खास बात यह है कि इसकी नींव भी राष्ट्रपति के हाथों रखी गई थी और लोकार्पण भी राष्ट्रपति के ही कर कमलों से होने जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा प्राचीन एव परम्परागत चिकित्सा में यथा आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथ आदि सभी विधाओं को आयुष के रूप में एकीकृत किए जाने के बाद राज्य में इसकी चिकित्सा शिक्षा के समन्वय और एकीकरण दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पहले आयुष विश्वविद्यालय की परिकल्पना को धरातल पर उतारा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर यह विश्वविद्यालय गोरखपुर मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर भटहट के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया गया है। इसका शिलान्यास सीएम योगी के आमंत्रण पर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 अगस्त 2021 को किया था।
आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत आयुष की सभी विधाएं (आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ, योग एवं नेचुरोपैथी, सिद्धा तथा सोया-रिग्वा) समाहित है। फिलहाल आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ की शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है। आगामी दिनों में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्धा और सोया-रिग्वा की शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ी कार्ययोजना तैयार हो जाएगी।
आयुष विश्वविद्यालय के संचालित न होने की दशा में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ विधाओं का नियमन इनसे संबंधित अलग अलग संस्थाओं द्वारा किया जा रहा था। अब इनका नियमन केंद्रित व्यवस्था में हो रहा है। वर्तमान में आयुष विश्वविद्यालय से 76 आयुर्वेद, 10 यूनानी और 12 होम्योपैथी सहित कुल 98 आयुष कॉलेज संबद्ध हैं। शैक्षिक सत्र 2021-22 से इस विश्वविद्यालय द्वारा आयुर्वेद विधा के अंतर्गत बीएएमएस, एमडी, एमएस, यूनानी विधा के तहत बीयूएमएस, एमडी, एमएस तथा होम्योपैथ विधा के अंतर्गत बीएचएमएस व एमडी की पढ़ाई और परीक्षाओं का नियमन किया जा रहा है।