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कोटा में निशुल्क कोचिंग लेकर मध्यप्रदेश की मोनाली और छत्तीसगढ़ की मीनाक्षी बनेगी डॉक्टर

  • शिक्षा संबल के तहत सरकारी स्कूलों के हिन्दी माध्यम के 105 में से 103 स्टूडेंट्स नीट के लिए क्वालीफाई
  • एलन ने दी निशुल्क कोचिंग, एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास ने दिया निशुल्क भोजन व आवास

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मध्यप्रदेश की मोनाली और छत्तीसगढ़ की मीनाक्षी के घर में इन दिनों खुशियों का माहौल है। समाज, पड़ोसी और परिवार वालों की तरफ से बधाइयां आ रही है। कारण है, निर्धन परिवार की ये दोनों प्रतिभाएं डॉक्टर बनने जा रही हैं। सरकारी स्कूलों में हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाली इन बालिकाओं का ही नहीं इनके परिवार का भी सपना पूरा हो गया है। कोटा में एल एन माहेश्वरी परमार्थ न्यास की शिक्षा संबल योजना में निशुल्क पढ़कर बालिकाओं ने नीट 2025 में बेहतर स्कोर प्राप्त किया है। साथ ही हिन्दी माध्यम के सरकारी स्कूल से पढ़ने के बाद नीट क्रेक कर सामाजिक बदलाव का नया उदाहरण भी गढ़ा है।

शिक्षा संबल के तहत सरकारी स्कूलों के हिन्दी माध्यम के 105 विद्यार्थियों में से 103 विद्यार्थी नीट में क्वालीफाई हुए हैं। इन सभी को एलन की ओर से कोटा में निशुल्क कोचिंग दी गई तथा एल एन माहेश्वरी परमार्थ न्यास की ओर से निशुल्क आवास व भोजन की सुविधा दी गई।

एल एन माहेश्वरी परमार्थ न्यास के ट्रस्टी डॉ.नवीन माहेश्वरी ने बताया कि वर्ष 2024 में शुरू की गई शिक्षा संबल योजना के तहत मध्य भारत के राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड राज्यों के हिन्दी माध्यम के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए। परीक्षा में प्रदर्शन की वरीयता के आधार पर 81 छात्राएं तथा 45 छात्रों का नीट-2025 की तैयारी के लिए चयन किया गया। 

उन्होंने बताया कि पढ़ाई की शुरुआत के कुछ महीनों में विभिन्न कारणों से कुछ विद्यार्थी घर लौट गए। इसके बाद 105 विद्यार्थियों ने सालभर रहकर पढ़ाई की। 105 विद्यार्थियों में से 103 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने नीट काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई किया है। काउंसलिंग के माध्यम से स्टेट रैंक, कैटेगिरी रैंक के आधार पर विद्यार्थी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, डेंटल, आयुर्वेद व अन्य कोर्सेज में प्रवेश ले सकेंगे। वर्ष 2025 के बाद अब नीट-2026 की तैयारी के लिए भी विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की जा रही है जो कि 20 जुलाई को होगी, आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई तक है।

पापा ने 3 हजार रुपए दिए थे वो भी सालभर में खर्च नहीं हुए: मोनाली अमरुते

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में अठनेर तहसील निवासी मोनाली अमरुते ने नीट 2025 में मोनाली ने 496 मार्क्स हासिल कर ऑल इंडिया रैंक 56000 हासिल की है, जबकि ओबीसी कैटेगिरी में रैंक 27186 है। मोनाली ने बताया कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। मेरे अलावा एक भाई और है। मैंने 10वीं कक्षा 94 प्रतिशत एवं 12वीं कक्षा 93 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। पापा वीरेन्द्र अमरुते खेती किसानी करते हैं। दो एकड़ जमीन है, जिससे खाने लायक अनाज पैदा हो पाता है। डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन पैसे नहीं थे, फिर एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास की शिक्षा संबल परीक्षा के बारे में जानकारी मिली तो मैंने आवेदन कर दिया। परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा निःशुल्क नीट की तैयारी के साथ भोजन एवं रहने की सुविधा भी दी गई। जब मैं कोटा आई तो पापा ने 3 हजार रुपए दिए थे, लेकिन यहां सबकुछ मिला ऐसे में वो भी सालभर में खर्च नहीं हुए। उनमें से भी करीब आधे बच गए।

शिक्षा संबल नहीं होता तो आगे नहीं पढ़ पाती: मीनाक्षी साहू

छत्तीसगढ़ में बलोद जिले में फरोदफोड निवासी मीनाक्षी साहू डॉक्टर बनना व चाहती थी लेकिन परिवार की स्थिति नहीं थी कि उसे नीट की कोचिंग करा सकें। पिता दीनाराम इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं। मीनाक्षी ने 10वीं कक्षा 95 एवं 12वीं कक्षा 87 प्रतिशत अंकों के साथ हिन्दी माध्यम के सरकारी स्कूल से उत्तीर्ण की थी। नीट की तैयारी को लेकर परेशान थी तभी टीचर्स ने शिक्षा संबल योजना की जानकारी मिली। प्रदर्शन के आधार पर चयन हो गया। मीनाक्षी ने लगन से मेहनत की और अब उसका डॉक्टर बनने का सपना साकार होने जा रहा है। नीट 2025 में उसने ऑल इंडिया रैंक 1,14,616 प्राप्त की है, जबकि ओबीसी कैटेगिरी में उसकी रैंक 55,471 है। शिक्षा संबल योजना नहीं होती तो शायद कोटा आकर नीट की तैयारी नहीं कर पाती और डॉक्टर बनने का मेरा सपना अधूरा ही रह जाता।