ऋषि का सद्साहित्य मानवीय मूल्यों का बोध कराता है – उमानंद शर्मा
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरानगर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के संदर्भ पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 392वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना की गई। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता सीके त्रिपाठी एवं उनकी धर्मपत्नी सुधा त्रिपाठी ने अपने पूज्य माता-पिता स्व. उमाशंकर त्रिपाठी एवं स्व. सुशीला त्रिपाठी की स्मृति में भेंट किया। छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को अखण्ड ज्योति पत्रिका भी भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ‘ऋषि का सद्साहित्य मानवीय मूल्यों का बोध कराता है।’ सीके त्रिपाठी, पीडी सरास्वत ने भी अपने विचार रखे। संस्थान की कुलपति माण्डवी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया।
इस अवसर पर उमानंद शर्मा, वीके श्रीवास्तव, सीके त्रिपाठी, सुधा त्रिपाठी, पीडी सरास्वत, संस्थान की कुलपति माण्डवी सिंह, प्रो. सीमा भारद्वाज, डॉ. सृष्टि धवन, रजिस्टार कमलेश दुबे, डॉ. रूचि खरे, डॉ. प्रदीप तिवारी, आनंद कुमार, उत्कर्ष चन्द्रा, विभागाध्यक्ष संकाय सदस्य सहित छात्र-छात्रायें, मौजूद थे।