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सनातन सभ्यता संस्कृति में जात-पात ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं था – स्वामी सुधीरानन्द

लखनऊ। कर्तव्या फाउंडेशन द्वारा अग्रवाल सभा छावनी के विशेष सहयोग से आयोजित श्री राम कथा के सातवें दिन रविवार को कथावाचक स्वामी सुधीरानन्द जी महाराज ने सीता हरण, जटायु प्रसंग, शबरी माता का प्रसंग सुनाकर भक्तों को भाव विभोर किया। कथा में सबरी चरित्र सुनाते हुए महाराज जी ने कहाकि जब शासन तंत्र का सर्वोच्च पद पर आसीन पैदल चलकर समाज के सबसे निचले तबके तक पहुचे तब रामराज होता है। भगवान राम का शबरी के बेर खाना और शबरी को मां कह कर बोलना यह दिखाता है कि सनातन सभ्यता संस्कृति जात-पात ऊंच-नीच का भेदभाव पहले नहीं था। पृथ्वी को असुर विहीन करना राम का आने का उद्देश्य था। सीता हरण, जटायु उद्धार के माध्यम से महाराज जी ने बताया कि जो ईश्वर से जुड़ जाता है वह कैसा भी हो ईश्वर उसका उद्धार करते हैं। जब खर दूषण राम लक्ष्मण के हाथों मारे जाते हैं, तब सूर्पनखा अपने भाई रावण के पास जाती है। रावण से कहती है कि राम लक्ष्मण ने मेरा नाक काट दिया। रावण मारीच को सोने का हिरण बना कर पंचवटी में जाता है। सीता हिरण को देख कर कहती है कि हे प्रभु आप मुझे यह सोने का हिरण ला दो। रावण साधु के वेश में सीता से भिक्षा लेने आता है। इस दौरान रावण छल से सीता का हरण कर लेता है। जटायु रावण से युद्ध करता है लेकिन रावण उसके पंख काट देता है। जटायु राम को बताता है कि रावण सीता का हरण कर ले गया। माता सीता के हरण के उपरांत माता शबरी से श्रीराम के मिलने का दृश्य अत्यंत भावुक, मार्मिक और भक्ति की पराकाष्ठा है। 

प्रभु राम जब माता सबरी से मिले तो सबरी का कंठ अवरुद्ध हो गया। आंखों से अश्रुओं की धारा फूट पड़ी। यह समरसता का सर्वश्रेष्ठ दृष्टांत और मार्गदर्शी है। श्री राम ने माता सबरी को नवधा भक्ति का दिव्य ज्ञान दिया और कहा कि मैं तो केवल भक्ति का ही संबंध मानता हूं। जाति, पाति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन-बल, कुटुम्ब, गुण एवं चतुराई इन सबके होने पर भी भक्ति रहित मनुष्य जलहीन बादल-सा लगता है। वही कथा में बाली सुग्रीव प्रसंग इत्यादि की कथाएं बहुत मार्मिक तरीके से प्रस्तुत की गई।

आज की कथा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुम्ब प्रबोधन के प्रमुख ओमपाल सिंह ने कहाकि श्रीरामचरित्रमानस में दिखाएं गए मार्गो को हम अपने जीवन में आत्मसात करें तभी एक अच्छे नागरिक और हम सभी मिलकर एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकतें है। परिवार ठीक रहा तो समाज और राष्ट्र ठीक रहेगा। सातवें दिन के यजमान सरिता अग्रवाल, चेतन अग्रवाल रहें। कथा में कर्तव्या फाउंडेशन के महासचिव डॉ हरनाम सिंह, शैक्षिक महासंघ के डॉ संदीप बालियान, बीजेपी के शक्ति केंद्र संयोजक अमरपाल सिंह राठौर, मंडल अध्यक्ष रंजीता शर्मा, छावनी परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद शर्मा, बीजेपी प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ विपिन पांडेय, हिन्दू जागरण मंच के अनिल चौबे, विष्णु अग्रवाल, रमाकांत सिंह, उमाकांत सिंह, अग्रवाल सभा के सचिव श्रीमंदर अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, दीपक जायसवाल, सिद्धार्थ, अतुल सिंह सहित क्षेत्र के सभी कथा प्रेमियों ने सभी महाराज जी द्वारा गाये भजनों और कथा का आनंद लिया।