- एकेटीयू स्थित इनोवेशन हब में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की शक्ति और बैटरी बैकअप बढ़ाने के लिए ऐक्सिलरेशन इन्हैंसर किया गया इजाद
वर्तमान दौर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का है। पेटोल डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण के चलते इन गाड़ियों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इनमें खर्च भी नाममात्र का है और जीरो लेवल प्रदूषण है। लेकिन इन गाड़ियों में बैटरी बैकअप और स्पीड एक समस्या है। मगर यह समस्या बीते दिनों की बात होगी। इस कमी को दूर करने के लिए डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय स्थित इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह ने एक खास तरह की तकनीक इजाद की है। इस तकनीक से न केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगी बैटरी का बैकअप बढ़ जाएगा बल्कि उनमें पहले के मुकाबले पेटोल डीजल गाड़ियों की तरह पावर रहेगा।
इस तकनीक पर किया काम
कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय के निर्देशन में इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह ने ऐक्सिलरेशन इन्हैंसर का इजाद किया है। दरअसल, अभी तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी के जरिये सिर्फ एक मोटर पावर देती है। जिससे न केवल गाड़ी चलाते हुए पावर की कमी महसूस की जा रही है बल्कि जब जरूरत नहीं होती तब भी मोटर चलती है। परिणाम स्वरूप बैटरी बैकअप भी उतना नहीं मिल पाता जितना होना चाहिए। इस समस्या को दूर करने के लिए महीप सिंह ने एक की जगह तीन मोटर का इस्तेमाल किया है। एक मोटर जहां ढाई से तीन किलोवाट क्षमता की होती है। वहीं महीप ने करीब 12 सौ वाट की तीन मोटर लगाया। उसी बैटरी क्षमता पर चलने वाले ये तीन मोटर गाड़ी को ज्यादा शक्ति प्रदान करेंगे। जिससे गाड़ी पेटोल डीजल गाड़ियों की ही तरह कुछ ही सेकेंडों में अच्छी खासी स्पीड पकड़ लेंगी। यही नहीं जब गाड़ी की स्पीड हाइवे पर स्थिर हो जाएगी तब जरूरत के मुताबिक एक मोटर को छोड़कर बाकी बंद हो जाएंगे। जिससे बैटी का इस्तेमाल बेवजह नहीं होगा। आवश्यकता होने पर बाकी मोटर सेंसर की सहायता से चलने भी लगेंगे। महीप सिंह के अनुसार अभी आठ मोटर लगाने पर कार्य चल रहा है। इस तकनीक का पेटेंट पब्लिश हो चुका है। जबकि एमएसएमई योजना के तहत इस तकनीक को 10 लाख रूपये की ग्रांट भी मिली है।