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सत्य की राह पर चलने की सीख देती हैं श्रीरामकथा – स्वामी सुधीरानन्द जी महाराज

कलश यात्रा संग नौ दिवसीय संगीतमय श्रीरामकथा का आगाज

लखनऊ। श्रीराम कथा हमें मानव कल्याण के साथ-साथ त्याग, तपस्या व सत्य की राह पर चलने की सीख देती हैं। श्रीराम कथा की सार्थकता तभी है, जब हम इसे अपने व्यवहार में धारण करें। उक्त बातें अग्रवाल सभा छावनी के विशेष सहयोग से कर्तव्या फाउंडेशन द्वारा  आयोजित श्रीराम कथा अग्रवाल सभा छावनी में कथा व्यास स्वामी सुधीरानन्द जी महाराज ने कही। उन्होंने कथा में श्रीराम के महात्म्य को बताते हुए कहाकि श्रीराम केवल परिवार और समाज नहीं बल्कि संपूर्ण जीव और परिवेश की बेहतरी के लिए कर्तव्य परायणता की बात करते हैं। श्रीराम ने सिखाया की उतार चढ़ाव तो जीवन का अंग है, दुख किसने नहीं सहा और किसे नहीं होगा। पर यदि संकल्प मजबूत रहे और संकटकाल में संयम बनाए रखें तो हम बड़े से बड़े तूफान झंझावातों का सामना कर सकते हैं। आज के मुश्किल, अनिश्चितता और संशय भरे समय में जब हर कोई टूटा हुआ भवर में पड़ा महसूस कर रहा है तब श्रीराम की कर्तव्यपथ पर डटे रहने की प्रेरणा काम आ सकती है। प्रभु के चरणों के साथ उनके आचरण को भी पकड़े। ध्यान रखें श्रीराम ने जो सिखाया उसे हमने कितना अपनाया। 

कलश यात्रा का शुभारंभ अग्रवाल सभा भवन से हुआ। जो तुलसी उद्यान, द्वादश ज्योतिर्लिंग, सदर बाजार सब्जी मंडी होते हुए वापस अग्रवाल सभा भवन पहुँचकर सम्पन्न हुई। कर्तव्या फाउंडेशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रवाल ने बताया कि समाज में परस्पर स्नेह, समता एवं सहयोग का वतावरण बनाने की दृष्टि से आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा 4 जुलाई तक प्रतिदिन सायं 5 से 8 बजे तक चलेगी। यह श्रीराम कथा कुटुंब प्रबोधन के विषयों के साथ ही व्यक्ति-परिवार-समाज-राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों को पुनर्स्थापित करने वाली है। कलश यात्रा में  यात्रा में महिला पुरुषों ने बढ़चढ़ कर सहभागी होकर कथा का श्रवण कर रहीं है।