विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल) पर विशेष
लखनऊ। आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों की लाइफ स्टाइल बदल गयी है। लोग रात के 12 बजे तक जागते हैं और सुबह आठ बजे के बाद सोकर उठते है। खाने-पीने का कोई समय तय नहीं है। शारीरिक श्रम, घूमना, टहलना, पैदल चलना भूल चुके हैं। आनलाइन फूड से मोटापा एवं गैस की समस्या बढ़ रही है।केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए घर का बना साफ एवं ताजा भोजन ही करना चाहिए। इसमें मौसमी फल एवं सब्जियों को जरूर शामिल करें। योग, प्राणायाम, ध्यान एवं शारीरिक श्रम करें। देखने में आ रहा है कि छोटा बच्चा हो या बुजुर्ग सभी में स्ट्रेस (तनाव) बढ़ रहा है, जिसे कम करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए “विश्व स्वास्थ्य संगठन“ हर साल सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है। बेहतर स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है- ’’हेल्थ फॉर ऑल’’ अर्थात ’’अच्छा स्वास्थ्य सबके लिए’’।
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की 10 प्रमुख बीमारियां हैं – हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, नियोनेटल कंडीशन, ट्रेकिया, ब्रोंकस लंग कैंसर, एल्जाइमर एण्ड डिमेंशिया, डायरिया, डायबिटीज और किडनी डिजीज। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2019 में मौतों के 10 प्रमुख कारणों में से सात गैर-संचारी रोग थे। यह सात कारण सभी मौतों के 44 प्रतिशत या शीर्ष 10 में से 80 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार थे। भारत में लगभग 10 करोड़ हायपरटेंशन व हृदय रोग, सांस के रोगी नौ करोड़, सात करोड़ डायबिजीज, प्रतिवर्ष सात लाख रोगी कैंसर के हैं। विश्व का टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। आंकड़ों के अनुसार भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मानसिक रोगी रहते हैं, भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति मानसिक रोगी होता है। 18 प्रतिशत आत्महत्या करने वाले लोगों का पूर्व में आत्महत्या करने का असफल प्रयास रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति वर्ष दुनिया भर में लगभग 1.3 करोड़ लोगों की मौत पर्यावरणीय कारणों से हो जाती हैं, जिनसे पूरी तरह से बचा जा सकता है। इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु संकट, वायु प्रदूषण प्रमुख कारक हैं, जो मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ा स्वास्थ्य से जुड़ा खतरा है। 28 जुलाई 2022 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके अनुसार- स्वच्छ, स्वस्थ और शुद्ध पर्यावरण हर एक मनुष्य का सार्वभौमिक मानव अधिकार होना चाहिए, जबकि प्रदूषित हवा वाले क्षेत्रों में रहने से लाखों भारतीयों को इस मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है। डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि राष्ट्र की उन्नति के लिए लोगों का स्वस्थ एवं खुशहाल होना आवश्यक है, क्योंकि स्वस्थ लोगों से ही समृद्ध राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है। अधिकाधिक वृक्षारोपण, धूम्रपान, तंबाकू, नशीले पदार्थो के सेवन की लत से दूर रहना, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना एवं परिवहन के लिए पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उपयोग करना, पैदल चलना और साइकिल चलाना, भोजन बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना, प्लास्टिक का उपयोग न करना, स्वस्थ जीवन शैली, पारंपरिक भोजन, योग और व्यायाम स्वस्थ रहने के मूल मंत्र हैं।
Telescope Today | टेलीस्कोप टुडे Latest News & Information Portal