लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान में बुधवार को सीएसआईआर का 84वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डॉ. मालती लक्ष्मीकुमारन (कार्यकारी निदेशक और प्रैक्टिस प्रमुख, लक्ष्मीकुमारन और श्रीधरन अटॉर्नीज़, नई दिल्ली) एवं डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप लखनऊ) ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों व सभागार में उपस्थित वैज्ञानिको, कर्मचारियों व शोधार्थियों का स्वागत किया एवं सीएसआईआर-सीमैप की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कार्यों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। जिसमे सीएसआईआर-सीमैप द्वारा देश के विकास मे विगत वर्षों के योगदान को साझा किया। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप पिछले 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के अंतर्गत औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि तकनीकियाँ, उन्नतशील प्रजातियां एवं प्रसंस्करण तकनीकियों को विकसित कर किसानों को उपलब्ध करा रहा है।

मुख्य अतिथि, डॉ. मालती लक्ष्मीकुमारन ने “पेटेंट लैंडस्केप ऑफ़ जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी” विषय पर व्याख्यान एवं विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की एवं सीएसआईआर के 84वें स्थापना दिवस की बधाई दी।
इस अवसर पर संस्थान की वार्षिक प्रतिवेदन 2024-25 एवं पिपरमिंट की नई उच्च उत्पादक सिम-इंदुश्री किस्म का विमोचन निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप एवं मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इसके साथ ही संस्थान द्वारा विकसित सीएसआईआर-एरोमा मोबाइल एप्लिकेशन के वर्चुअल सहायक ‘एरोमा-मित्र’ का भी विमोचन किया गया।

समारोह के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों, और अनुसंधान आधारित उत्पादों का अनावरण किया गया। इस अवसर पर एरोमा मिशन के अंतर्गत मच्छर रोधी क्रीम की तकनिकी यवन चक्र प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर (राजस्थान) को हस्तांतरित की गई है। इसके साथ ही सीएसआईआर-सीमैप और FICCI फ्लो लखनऊ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

धार क्षेत्रीय विकास संस्थान (डीकेवीएस), देहरादून और सीएसआईआर -सीमैप द्वारा उत्तर और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री के उत्पाद के लिए एमओयू समझौता एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट मेसर्स साबिहा रिसर्च एंड डेव्लपमेंट एलएलपी मोहाली, पंजाब के साथ सुगंधित तेल और फाइटोमॉलिक्यूल्स (सीआरएमएस) के लिए प्रमाणित सामग्री हेतु हस्ताक्षर किया गया।

इस दौरान आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कुमार, डॉ. आकांक्षा सिंह, डॉ. ईशा शर्मा ने किया। डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक, शोध छात्र और संस्थान के कर्मचारी उपस्थित रहे।