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मैक्स हॉस्पिटल : दुर्लभ बाइल डक्ट स्टोन सर्जरी से युवक को मिला नया जीवन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हेपेटोलिथाइसिस के एक असामान्य और अत्यंत जटिल मामले का सफल उपचार कर एक बेहतरीन चिकित्सकीय उपलब्धि हासिल की है। हेपेटोलिथाइसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की छोटी पित्त की नलियों के अंदर गहराई में पथरी बन जाती है।

दिल्ली निवासी 27 वर्षीय मरीज, ऋषभ सिंह लगातार परेशान करने वाले लक्षणों जैसे बार-बार तेज़ बुखार, पीलिया, पेट में दर्द और तेज़ी से वजन घटने जैसी समस्याओं के साथ मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ पहुंचे। शुरुआती जांच से पता चला कि वह बार-बार होने वाली पायोजेनिक कोलेंजाइटिस से पीड़ित थे। एक ऐसी पुरानी बीमारी जिसमें पित्त की नलिओं में बार-बार संक्रमण और सूजन होती है, जो समय रहते इलाज न मिलने पर पथरी बनने और गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।

युवाओं में हेपेटोलिथाइसिस के साथ बार-बार होने वाली पायोजेनिक कोलेंजाइटिस का मिलना बहुत असामान्य है और लिवर के अंदर गहराई में स्थित पथरियों के साथ सक्रिय संक्रमण होने से इस मामले की जटिलता अधिक हो जाती है।

मरीज़ ने इससे पहले एक अन्य अस्पताल में इलाज के लिए प्रोसीजर करवाया था पर वह सफल नहीं हुआ। इसके बाद उनकी सेहत लगातार ख़राब होती रही और वज़न भी घटता रहा।

इस मामले में, मैक्स हॉस्पिटल में हेपेटो-पैंक्रिएटो-बिलियरी एवं लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के निदेशक, डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने कहा, “जब ऋषभ हमारे पास आए, वह पहले से ही लगातार वजन घटने और बार-बार होने वाले संक्रमणों का सामना कर रहे थे। गहराई से की गई जाँच में बार-बार होने वाले पायोजेनिक कोलेंजाइटिस के साथ लिवर में कई पथरियां पाई गईं। चुनौती गम्भीर थी, जिसे संभालने के लिए अत्यंत सावधानीपूर्वक और मल्टीडिसिप्लिनरी टीम अप्रोच की आवश्यकता थी।”

इलाज के लिए, सर्जिकल टीम ने एक जटिल लिवर सर्जरी की, जिसमें लिवर के बाएं हिस्से को (जहां कई पथरियां थीं) हटाया गया। लिवर के बाहर की क्षतिग्रस्त पित्त नली को निकालकर उसके दाहिने हिस्से और आंत के बीच एक नया जोड़ बनाया गया, ताकि पित्त का बहाव सामान्य रूप से हो सके।

डॉ. सिद्दीकी ने कहा कि सर्जरी तकनीकी रूप से बहुत जटिल थी, लेकिन ऋषभ ने असाधारण रूप से अच्छा रिस्पॉन्स दिया। उनकी रिकवरी सहज रही और उन्हें ऑपरेशन के आठवें दिन छुट्टी दे दी गई। एक महीने के फॉलोअप में उनकी स्थिति में बढ़िया सुधार दिखा, लक्षण पूरी तरह खत्म हो गए और वह सामान्य रिकवरी पैरामीटर पर लौट आए।

इस सफल नतीजे के लिए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की असामान्य और जटिल हेपेटोबिलियरी स्थितियों को संभालने की क्षमता, अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ज़िम्मेदार है।