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विश्व संस्कृति का सेतु रामकथा : प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित

 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। “अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” के अवसर बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय में “भाषाओं के मध्य सांस्कृतिक विनिमय: राम-कथा के विशेष संदर्भ में” विषय पर ज्ञानवार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि हिन्दी और अवधी के मूर्धन्य अध्येता एवं विद्वान प्रोफ़ेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित की गरिमामयी उपस्थिति रही। श्री दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं। हिन्दी, अवधी एवं ब्रज भाषाओं के आधिकारिक विद्वान श्री दीक्षित ने विभिन्न भाषाओं में राम-कथा की उपस्थिति, इसके इतिहास और इसकी विभिन्न शैलियों पर क्रमिक प्रकाश डाला। इसकी प्रासंगिकता और उसके ऐसे पहलू जो आम जन-मानस से जुड़े तो हों मगर बिना किसी बोधगम्य व्याख्या के जिन पर हमारी दृष्टि नहीं जाती, उनका बराबर ज़िक्र करते हुए श्री दीक्षित ने अपने व्याख्यान को आरंभ से अंत तक ऐसा सुरुचिपूर्ण रखा कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रहे।

इस अवसर पर मंडल विकास अधिकारी राजेश कुमार मीणा ने सूर्य प्रसाद दीक्षित का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया और भारतीय स्टेट बैंक परिवार के लिए समय निकालने और विद्वतापूर्ण वक्तव्य के लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। श्री मीणा ने समय-समय पर ज्ञानवार्ता श्रृंखला के अंतर्गत ऐसे व्याख्यान आयोजित करने के लिए राजभाषा विभाग की प्रशंसा करते हुए इन्हें आगे भी जारी रखने की अपेक्षा व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रबन्धक (राजभाषा) दिवाकर मणि ने किया।