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न्यू टाउन में दुर्गा आंगन का शिलान्यास, सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की तारीख का ऐलान

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के उत्तरी छोर पर स्थित न्यू टाउन में दुर्गा आंगन के शिलान्यास के साथ एक अहम सांस्कृतिक परियोजना की औपचारिक शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में प्रस्तावित महाकाल मंदिर की आधारशिला रखने की तारीख का भी ऐलान किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गा आंगन का शिलान्यास आज किया गया है और अब इसके निर्माण का काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की आधारशिला अगले महीने जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखी जाएगी। इसके लिए जमीन पहले ही चिन्हित कर ली गई है और शिलान्यास की तारीख भी तय कर ली गई है।ममता बनर्जी ने बताया कि दुर्गा आंगन करीब दो लाख वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। यह परिसर एक साथ लगभग एक लाख श्रद्धालुओं और आगंतुकों को समाहित करने में सक्षम होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुर्गा आंगन को किसी धार्मिक स्थल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह एक सांस्कृतिक परिसर होगा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करती हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ रमजान के कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर ही सवालों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिस भी धर्म के कार्यक्रम में वह जाती हैं, उस धर्म की परंपराओं और रीति रिवाजों का पूरी तरह पालन करती हैं।उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी को भी धर्म के नाम पर लोगों को बांटने नहीं दिया जाएगा। दुर्गा आंगन के निर्माण की जिम्मेदारी उसी संस्था को सौंपी गई है, जिसने पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में जगन्नाथ मंदिर के निर्माण का काम किया है। दुर्गा आंगन के संचालन और निगरानी के लिए एक ट्रस्ट बनाया गया है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत करेंगे।इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी ने इस पहल को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। पार्टी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति का एक और उदाहरण बताया। पार्टी के केंद्रीय सह पर्यवेक्षक और सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ से जुड़े नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी कर कहा कि साल्ट लेक स्टेडियम में हाल में हुए एक आयोजन को लेकर पैदा हुई अव्यवस्था के बाद अब देवी दुर्गा की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।