लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लखनऊ विश्वविद्यालय के विशाल प्रांगण में 20 सितंबर से जारी चतुर्थ गोमती पुस्तक महोत्सव का 28 सितंबर को भव्य समापन हुआ। इन नौ दिनों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा दर्शकों-पुस्तक एवं साहित्य प्रेमियों ने महोत्सव का रुख किया। ढाई सौ से ज्यादा बुक स्टॉलों पर लाखों की संख्या में पुस्तकें रखी गईं थीं। जिन्हें पुस्तक प्रेमियों ने पूरे उत्साह के साथ खरीदा। इसमें शामिल वक्ताओं, लेखकों और दर्शकों की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि यह आयोजन अब लखनऊ के सांस्कृतिक और साहित्यिक परिदृश्य का एक अहम हिस्सा बन चुका है। जिसमें बच्चे, युवा और वरिष्ठ सभी शामिल रहे।
इस वर्ष पुस्तक मेले में 225 से अधिक बुक स्टॉल लगाए गए, जो कि पिछले वर्ष के 175 स्टॉल की तुलना में एक बड़ी वृद्धि है। इस बार पुस्तकों की बिक्री में भी 30% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस पूरे आयोजन के दौरान साढ़े तीन लाख से अधिक दर्शक आए। 100 से अधिक साहित्यिक, सांस्कृतिक और बाल आयोजनों में 200 से अधिक लेखकों, कलाकारों और बाल साहित्य विशेषज्ञों की भागीदारी देखी गई, जो लखनऊ में इस महोत्सव के साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रभाव को रेखांकित करता है।

इस नौ दिवसीय आयोजन के माध्यम से प्रधानमंत्री के “नॉलेज सोसायटी” की परिकल्पना और “मेक इंडिया रीड” के मिशन को साकार करने की दिशा में ठोस प्रयास किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के प्रमुख उद्देश्यों मूलभूत साक्षरता, बहुभाषावाद, रचनात्मकता, समालोचनात्मक चिंतन और डिजिटल एकीकरण को भी प्रतिबिंबित करता है।
साथ ही, यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” की कल्पना को साकार करने की दिशा में भी एक कदम रहा, जहाँ ज्ञान, नवाचार और समावेशी सामाजिक संस्कृति को आत्मसात किया जा रहा है।
गोमती पुस्तक महोत्सव के अंतिम दिन की शुरुआत बाल मंडप से हुई, जहां कहानियों, रंगों, प्रश्नोत्तरी और मुस्कानों से माहौल और भी खुशनुमा हो गया। प्रख्यात लेखिका नीलम राकेश ने बच्चों के साथ एक जीवंत कहानी सत्र आयोजित किया। इसके बाद विवेक कुमार ने एक रोचक प्रश्नोत्तरी का संचालन किया, जिसमें विजेता टीम को नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तकें प्रदान की गईं। विवेक कुमार ने बच्चों को राष्ट्रीय ई‑पुस्तकालय से भी परिचित कराया। अंतिम सत्र में आयोजित बुक कवर डिजाइन वर्कशॉप में बच्चों ने एनबीटी, इंडिया की तीन चुनिंदा किशोर पुस्तकों के कवर को अपनी कल्पना से फिर से डिज़ाइन किया, जिसमें 10 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।

जबकि लेखकगंज में सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल प्रैक्टिस पर चर्चा हुई। जिसमें के. गणेश (डायरेक्टर, सस्टेनेबिलिटी एंड कॉर्पोरेट अफेयर्स, बिसलेरी), जानकी शाह (प्रोग्राम डायरेक्टर, सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन) ने हिस्सा लिया। एनबीटी की ओर से शोभा कपूर ने इस बातचीत का समन्वयन किया। इस परिचर्चा में सिंगल‑यूज़ प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने, विवेकपूर्ण तरीके से निस्तारण, रीसायक्लिंग और बच्चों में सतत जीवनशैली की शिक्षा देने जैसे विषयों पर गंभीर संवाद हुआ।
पराशर बैंड की ऊर्जा से सजी समापन समारोह की शाम
फेस्टिवल का अंतिम अध्याय रहा एक संगीतमय संध्या, जहाँ “पाराशर बैंड” ने अपनी ऊर्जावान प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी लय, आवाज़ और मंच पर उपस्थिति ने सभी को तालियाँ बजाने, झूमने और साथ गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। वास्तव में, यह एक सांस्कृतिक उत्सव का जीवंत समापन रहा।
साहित्यिक महाकुंभ की कभी न भूलने वाली यादों के साथ विदाई
चतुर्थ गोमती पुस्तक महोत्सव 2025, लखनऊ के लिए एक ऐसी याद बनकर जा रहा है, जहाँ, सुबहें बच्चों की हँसी और रचनात्मकता से भरपूर थीं, दोपहरें पुस्तक विमोचन और लेखकों के संवाद और विमर्श की ऊष्मा से भरपूर रहीं जबकि शामें संगीत, नृत्य और कव्वालियों से सराबोर थीं। लखनऊवासियों के प्रेम और सहभागिता ने इस आयोजन को कामयाब बना दिया। नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया ने इस बेशुमार प्यार और सहयोग के लिए लखनऊ के सभी नागरिकों का आभार प्रकट किया। साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय का विशेष आभार जताया जिसने इस ऐतिहासिक परिसर में इस महोत्सव की मेजबानी की।

उत्तर प्रदेश सरकार एवं स्थानीय प्रशासन का भी इस संस्कृति, साहित्य और विचारों के महाकुंभ को सफल बनाने में अमूल्य योगदान रहा। यह संस्कृति, साहित्य और विचारों के महाकुंभ का समापन जरूर है, लेकिन अगले वर्ष, इससे भी ज्यादा वाइब्रेंट, समावेशी और उत्सवपूर्ण संस्करण के साथ फिर लौटने का वादा है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास का यह वादा है कि गोमती पुस्तक महोत्सव का 2026 में आयोजित होने वाला अगला संस्करण और भी भव्य होगा। जिसमें बच्चों के लिए और भी जीवंत गतिविधियां, इस बार से भी ज्यादा साहित्यिक गोष्ठियां, साहित्यिक संवाद एवं पुस्तक चर्चाओं के साथ पहले से भी समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता के अंतर्गत, पुस्तकों और विचारों की यह यात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है। इस यात्रा की अगली मंज़िल है गोरखपुर पुस्तक महोत्सव, जो 1 से 9 नवंबर 2025 तक गोरखपुर में आयोजित होगा।