लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लखनऊ में डेंगू के मामलें लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल अब तक डेंगू के 58 केसेस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 22 पिछले 45 दिनों में मिले हैं। अप्रैल में 6, मई में 6, जून में 11, जुलाई में 10 और अगस्त के पहले 12 दिनों में 12 केसेस पाए गए थे। पिछले दो महीनों में तेज़ी से हो रही वृद्धि इसमें साफ़ दिखाई दे रही है। इसके अलावा, अगस्त में मलेरिया के 6 केसेस दर्ज किए गए।
लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मानसून में वेक्टर जनित बीमारियों का बढ़ना एक आम बात है और शहर भर में निवारक उपायों को और तेज़ किया जा रहा है।
डेंगू और अन्य संबंधित बीमारियों के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों और खर्चों को देखते हुए, समय पर और पर्याप्त मेडिकल सहायता सुनिश्चित करने के लिए मज़बूत स्वास्थ्य बीमा होना ज़रूरी है। टाटा एआईजी की व्यापक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ इन ज़रूरतों और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
स्वास्थ्य बीमा कवर की कुछ प्रमुख विशेषताएँ
इन-पेशंट उपचार: पॉलिसी अवधि के दौरान किसी बीमारी/चोट के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो उसके खर्चों को कवर करता है, अगर बीमित व्यक्ति बतौर इन-पेशंट अस्पताल में भर्ती है। इस पर कोई भी उप-सीमा नहीं है और बीमित राशि तक खर्चों को कवर किया जाता है।
ओपीडी कवर: पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन, मरीज़ को प्रत्येक पॉलिसी वर्ष में आउट-पेशंट कन्सल्टेशन और दवा के लिए ₹20,000 तक का कवर एक्सेस मिलता है। यह लाभ समय पर मेडिकल देखभाल और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जिससे व्यक्ति वित्तीय चिंताओं के बिना अपने स्वास्थ्य का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर पाता है।
कन्ज्यूमेबल्स कवर: अस्पताल में भर्ती होने पर, पॉलिसी न केवल अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करती है, बल्कि उपचार में आवश्यक विशिष्ट मेडिकल कंज़्यूमेबल सामग्रियों के खर्च को भी कवर करती है। यह सुनिश्चित करता है कि मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती होने के समय अतिरिक्त मेडिकल आवश्यकताओं के लिए अपनी जेब से भारी खर्च न करना पड़े।
अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च: इसमें अस्पताल में भर्ती होने की तारीख से पहले और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद निर्धारित दिनों तक कन्सल्टेशन, जाँच और दवाओं के खर्चों को कवर किया जाता है।
बीमित बच्चे के साथ आने वाले व्यक्ति के लिए दैनिक नकद: अगर बीमित व्यक्ति 12 वर्ष या उससे कम आयु का बच्चा है और वह अस्पताल में भर्ती है, तो उस बच्चे के साथ 24 घंटे रहने के लिए आने वाले एक वयस्क के लिए अधिकतम 2000 रुपये प्रतिदिन तक की एक निश्चित लाभ राशि का भुगतान किया जाता है।
एम्बुलेंस कवर: अगर किसी आपात स्थिति में बीमित व्यक्ति को भर्ती होने के लिए पंजीकृत एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाया जा रहा हो या बेहतर मेडिकल सुविधाओं और उपचार के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने पर होने वाले खर्चों को, निर्दिष्ट सीमाओं के अधीन, कवर किया जाता है।
बीमित व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और बेहतर बनाने के लिए सामान्य/विशेषज्ञ डॉक्टरों से असीमित टेली-कन्सल्टेशन और आहार कन्सल्टेशन जैसी मूल्यवर्धित सेवाएँ।
भारत में कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन: देश भर में 650+ अस्पतालों के नेटवर्क तक पहुँच के साथ अस्पताल में भर्ती होने से लेकर छुट्टी मिलने तक पूरी तरह से कैशलेस भुगतान।
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट – कंज्यूमर अंडरराइटिंग, दिनेश मोसमकर ने कहा, “क्षेत्र भर में डेंगू के बढ़ते मामलों को मद्देनज़र रखते हुए, टाटा एआईजी परिवारों के लिए सुलभ और व्यापक स्वास्थ्य बीमा समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ व्यापक कवरेज लाभ प्रदान करती हैं, जिनमें कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन, कन्ज्यूमेबल सामग्रियों का कवरेज, आउट-पेशंट उपचार और नियोजित अस्पताल में भर्ती के लिए ग्लोबल कवरेज शामिल है, जिससे स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान परिवारों पर पड़ने वाले वित्तीय तनाव को कम करने में मदद मिलती है।”
अलग-अलग बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए, पूरी जानकारी के साथ स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों और सुलभ बीमा समाधानों का समर्थन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जागरूकता बढ़ाकर, आप सीज़नल स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी और सुरक्षा कर सकते हैं।