Tuesday , September 9 2025

ताइवान के साथ सेमीकंडक्टर और डाटा सेंटर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

  • इन्वेस्ट यूपी ने ताइवान के साथ रणनीतिक साझेदारी तेज करने के लिए बुलाई बैठक 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने और अधिक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से आज इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में ताइवान के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में सेमीकंडक्टर, डाटा सेंटर और उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नए अवसरों पर मंथन किया गया।

इस बैठक की अध्यक्षता विजय किरण आनंद (मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यूपी) ने की। इसमें प्रमुख वैश्विक उद्योग प्रमुख और ताइवान विशेषज्ञों ने भाग लिया। जिनमें सुरेश चंद्र (निदेशक, एसटीक्यूसी), सुरेश कुमार तुल्लुरी (सीईओ, सुपरमाइक्रो), संजीव मेहता (सह-संस्थापक एवं वैश्विक सीईओ, आकाशावर्स) और प्रो. नचिकेत तिवारी (आईआईटी कानपुर) शामिल रहे।

बैठक में संयुक्त उपक्रमों, निवेश अवसरों और दीर्घकालिक सहयोग पर चर्चा हुई। ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण में वैश्विक नेतृत्व क्षमता और उत्तर प्रदेश की डाटा-प्रधान क्षेत्रों में बढ़ती संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्षों ने आपसी संबंध का लाभ उठाने के लिए  आपसी सहयोग मॉडल पर विचार-विमर्श किया। 

इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए इन्वेस्ट यूपी ने ताइवान डेस्क की भी स्थापना की है। जो नयी परियोजनाओं को सुगम बनाएगा और यूपी एफडीआई/एफसीआई एवं फॉर्च्यून ग्लोबल-500 तथा फॉर्च्यून इंडिया-500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 जैसी अग्रणी नीतियों के तहत निवेशकों को सहयोग उपलब्ध कराएगा। जल्द ही उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही ताइवान का दौरा करेगा, ताकि व्यापार और निवेश संबंधों को और प्रगाढ़ किया जा सके। 

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश की तकनीकी उद्योगों के लिए प्रतिस्पर्धी विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया, खासकर वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हब के रूप में इसकी बढ़ती क्षमता। नोएडा, लखनऊ, आगरा, कानपुर और अन्य टियर-2 शहरों में वाणिज्यिक क्षेत्र की भरपूर उपलब्धता, विश्वसनीय बिजली-पानी की आपूर्ति, प्रचुर मानव संसाधन और नीतिगत सहयोग राज्य को एशिया में डाटा सेंटर संचालन के लिए सबसे किफायती और विस्तार योग्य गंतव्य बनाते हैं।

इन्वेस्ट यूपी ने ताइवान की कंपनियों को राज्य के निवेश-अनुकूल आकर्षक प्रोत्साहन और सुविधाजनक कारोबारी माहौल का आश्वासन दिया। यह पहल दोनों पक्षों के लिए आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा करेगी और उत्तर प्रदेश को हाई-टेक विनिर्माण के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने में मदद करेगी।

प्रतिभागियों ने उत्तर प्रदेश के तेजी से भारत के अग्रणी जीसीसी हब के रूप में उभरने की सराहना करते हुए कहा कि, प्रदेश के मज़बूत बुनियादी ढांचे, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EoDB) और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी गेम-चेंजर परियोजनाओं से यह संभव हुआ है। चर्चाओं में सेमीकंडक्टर, बायोप्लास्टिक्स, रक्षा, एयरोस्पेस और उन्नत तकनीकों जैसे उच्च संभावनाशील क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर भी जोर दिया गया।

बैठक का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि उत्तर प्रदेश और ताइवान दीर्घकालिक सहयोग से औद्योगिक विकास और वैश्विक नवाचार में रणनीतिक साझेदार बनेंगे।