Tuesday , September 9 2025

AKTU : 23वां दीक्षांत समारोह 9 सितंबर को, पदक में छात्राओं तो डिग्री में छात्रों का दबदबा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को प्रातः 10ः30 बजे परिसर स्थित पं0 अटल बिहारी वाजपेयी बहुउद्देश्यीय सभागार में आयोजित किया जाएगा। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। जबकि बतौर मुख्य अतिथि अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में मंत्री प्राविधिक शिक्षा विभाग आशीष पटेल उपस्थित रहेंगे।  

सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने बताया कि इस बार विश्विद्यालय से सम्बद्ध संस्थान प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर की बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीरियनिंग की छात्रा नैंसी ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। दीक्षांत समारोह में छात्रा नैंसी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक दिया जाएगा। जबकि कमल रानी वरूण स्मृति स्वर्ण पदक बीटेक के सभी ब्रांच में अनुसूचित जाति की सभी उत्तीर्ण छात्राओं में सर्वोच्च स्थान पाने वाली आरडी इंजीरियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद की छात्रा उन्नति गौर को मिलेगा। 

समारोह में कुल 88 पदक दिये जाएंगे। जिसमें 37 स्वर्ण पदक, 26 रजत एवं 25 कान्स्य पदक मेधावियों को दिये जाएंगे। इसके अलावा 53943 स्टूडेंट्स को विभिन्न पाठ्यक्रमों में डिग्री प्रदान की जाएगी। जिसमें 15857 छात्राएं और 38086 छात्र शामिल हैं। जबकि 86 छात्रों को पीएचडी अवार्ड होगी। समारोह में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डीएससी की उपाधि प्रदान की जाएगी। 

प्रदेश में उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दीक्षांत समारोह के दौरान इस बार भी छह श्रेणियों में स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड दिया जाएगा। इसमें एक अवार्ड वोमेन लेड स्टार्टअप अवार्ड दूसरा बेस्ट सोशल इम्पैक्ट स्टार्टअप अवार्ड, तीसरा बेस्ट टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड, चौथा एसिसिबिलिटी अवार्ड, पांचवां सस्टेनेबिलिटी चैंपियन और छठां हेल्थ इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड है।

बेस्ट वोमेन लेड स्टार्टअप अवार्ड के लिए स्टार्टअप कंपनी में एक महिला डायरेक्टर का 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ होना जरूरी है। वहीं, बेस्ट सोशल इम्पैक्ट अवार्ड का चयन स्वास्थ्य, भारतीय भाषा, शिक्षा, जीवनशैली जैसे सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले स्टार्टअप कंपनी को दिया जाएगा। जबकि बेस्ट टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड इनोवेटिव पेटेंट तकनीकी विकसित कर वस्तुओं और सर्विस के क्षेत्र और डिजिटल मंच पर कार्य करने वाली स्टार्टअप कंपनी को मिलेगा।

इसी तरह दिव्यांगों की सुविधा प्रदान करने वाले स्टार्टअप को एक्सिसबिलिटी अवार्ड दिया जाएगा। जलवायु परिवर्तन, कूड़ा प्रबंधन, निन्योबल एनर्जी से जुड़े स्टार्टअप को सस्टेनेबिलिटी चैंपियन अवार्ड दिया जाएगा। जबकि स्वास्थ्य से जुड़े स्टार्टअप को हेल्थ इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड मंच से दिया जाएगा। यह अवार्ड विश्वविद्यालय के किसी छात्र या छात्रा की स्टार्टअप कंपनी को ही दिया जाएगा। जो पढ़ने के साथ स्टार्टअप भी संचालित कर रहा हो। समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल, विश्वविद्यालय के गोद लिये गये गांवों के विद्यालयों में आयोजित हुए चित्रकला, कहानी कथन एवं भाषण प्रतियागिता के विजेता बच्चों को सम्मानित भी करेंगी। 

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा के विविध आयामों को निरंतर अपग्रेड कर रहा है। इसी क्रम में पहली बार विश्वविद्यालय परिसर स्थित सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में शुरू हुए बीटेक पाठ्यक्रमों को नई तकनीकी को लाया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नई उभरती तकनीकी में छात्रों को दक्ष बनाने के लिए न केवल शॉर्ट टर्म कोर्स कराये जा रहे हैं बल्कि समय-समय पर कार्यशालाएं, इंटर्नशिप आदि का भी आयोजन किया जा रहा है। इसमें छात्रों के अलावा शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है। यही नहीं विश्वविद्यालय स्कूली शिक्षकों के प्रशिक्षण भी करा रहा है। विश्वविद्यालय लगातार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रयास एवं पहल कर रहा है। उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।

प्रदेश में नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति बनाने के लिए कई कदम उठाये गये हैं। इसके तहत 100 करोड़ की विशेष इनोवेशन निधि बनायी गयी है। ताकि नवाचार और उद्यमिता की गति को और तेजी से बढ़ाया जा सके। वन डिस्ट्रिक्ट, वन इन्क्युबेशन सेंटर के तहत विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थानों में इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने की योजना को क्रियान्वित कर रहा है। इस योजना के तहत हाल ही में 30 और प्री इन्क्युबेशन सेंटर अस्तित्व में आये हैं।

विश्वविद्यालय लगातार छात्रों को नई तकनीकी से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे नयी उभरती तकनीकी में दक्ष बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उद्योगों के विशेषज्ञ भी छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। 

चार नये राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, जिसमें आरईसी बस्ती, आरईसी, गोण्डा, आरईसी प्रतापगढ़ एवं आरईसी मिर्जापुर में नर्य इमर्जिंग पाठ्यक्रमों के संचालन को मंजूरी दी गयी है। जिससे कि छात्र नई तकनीकी की पढ़ाई कर सकें। 

इसके अलावा विश्वविद्यालय लगातार शैक्षिणिक माहौल बेहतर करने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जा रहा है। इस क्रम में विश्वविद्यालय ने पहल करते हुए बीटेक छात्रों को माइनर डिग्री के साथ ही ऑनर्स डिग्री लेने का अवसर दिया है। जिससे कि छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा का विकल्प मिल सके। उद्योगों की जरूरतों को देखते हुए छात्रों को स्किल्ड बनाया जाएगा।विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट की ओर से प्रतिष्ठित कंपनियों से समन्वय स्थापित कर छात्रों को प्रशिक्षण के साथ ही उनका प्लेसमेंट कराया जा रहा है। जिससे कि अधिक से अधिक छात्र रोजगार पा सकें। 

अलग-अलग पाठ्क्रमों के 53943 छात्रों को डिग्री दी जाएगी

– 37 स्वर्ण पदक

– 26 रजत पदक

– 25 कान्स्य पदक

– 86 छात्रों को पीएचडी डिग्री अवार्ड होगी

प्रेसवार्ता में कार्यवाहक कुलसचिव एवं वित्त अधिकारी केशव सिंह, प्रतिकुलपति प्रो0 राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो0 दीपक नगरिया सहित अन्य लोग मौजूद रहे।