लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की वार्षिक आम सभा में गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कंपनी के लेखों को औपचारिक रूप से स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में कंपनी के लेखों (अकाउंट्स) पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह अपने आप में एक असाधारण तथ्य है और कंपनी के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि भी। यह उपलब्धि यूपीएमआरसी की पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और सुदृढ़ लेखा व्यवस्था का स्पष्ट प्रमाण है।
वार्षिक लेखों की स्वीकृति और सीएजी की ओर से प्राप्त शून्य टिप्पणी, दोनों ही यूपीएमआरसी की जवाबदेही, अनुपालन और उत्तम वित्तीय प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
इस उपलब्धि पर यूपीएमआरसी के निदेशक (वित्त) एसके मित्तल ने कहा, “सीएजी की शून्य टिप्पणी हमारी वित्तीय ईमानदारी और आंतरिक नियंत्रण तंत्र की मजबूती को परिलक्षित करती है। यूपीएमआरसी ने हमेशा वित्तीय प्रबंधन में उच्चतम मानकों का पालन किया है और उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।” उन्होंने आगे कहा कि “हम अपने सभी हितधारकों के लिए सुशासन और पारदर्शिता के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, “यूपीएमआरसी वित्तीय अनुशासन के साथ-साथ तकनीकी प्रदर्शन में भी उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए सतत प्रयासरत है। आई-मेट्रो (I-Metro) द्वारा जारी ‘की परफॉर्मेंस इंडेक्स’ (केपीआई) के आंकड़ों में यूपीएमआरसी ने टियर-2 शहरों की अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रति किलोमीटर नॉन फेयर बॉक्स रिवेन्यू रेशियो (गैर-किराया राजस्व अनुपात) अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में 95 प्रतिशत अधिक है, जबकि प्रति यात्री किराया राजस्व अनुपात 30 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार, प्रति किलोमीटर आय 29 प्रतिशत अधिक है और प्रति किलोमीटर व्यय अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में 9 प्रतिशत कम है।”
यह भी उल्लेखनीय है कि टियर-2 शहरों की अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में यूपीएमआरसी की प्रति किलोमीटर यात्रियों की संख्या 8 प्रतिशत अधिक है।
गौरतलब है कि यूपीएमआरसी के अंतर्गत लखनऊ, कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के बैलेंस सेक्शन में कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त, लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (चारबाग से वसंत कुंज) के निर्माण कार्य की शुरुआत भी शीघ्र होने की संभावना है। इसके लिए हाल ही में कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।