वेदांता ने की उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में रु 80,000 करोड़ के निवेश की घोषणा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत की एकमात्र और दुनिया की अग्रणी महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा रूपान्तरण, धातु, विद्युत, तेल एवं गैस और टेक्नोलॉजी कंपनी वेदांता ग्रुप ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में रु 80,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। नई दिल्ली में उत्तरपूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्वस्तरीय निवेश सम्मेलन- राइज़िंग नोर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के उद्घाटन सत्र के दौरान यह घोषणा की गई। यह निवेश छह उत्तर-पूर्वी राज्यों में महत्वपूर्ण खनिज, रिफाइनिंग सुविधाओं, ऊर्जा, विद्युत संचरण एवं टेक्नोलॉजी सेक्टरों में किया जाएगा।

वेदांता, के माध्यम से उत्तरपूर्व में हाइड्रोकार्बन्स की क्षमता के सदुपयोग के लिए सबसे बड़े अन्वेषण एवं विकास प्रोग्रामों में से एक में हिस्सा ले रही है। इसी साल कंपनी ने अडवांटेज असम 2.0 सम्मेलन के दौरान असम में रु 50,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की थी। आज हाइड्रोकार्बन्स एवं खनिजों के सदन ने राइज़िंग नोर्थईस्ट समिट के दौरान अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, त्रिपुरा, मेघालय और मिज़ोरम में रु 30,000 करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की है।

इस निवेश से क्षेत्र में 1 लाख नौकरियां उत्पन्न होंगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। वेदांता समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने वाली अपनी पहलों के विस्तार के लिए भी प्रतिबद्ध है जैसे नंदघर (आधुनिक आंगनवाड़ियां जो महिला एवं बाल विकास के लिए समग्र केन्द्रों के रूप में काम करती हैं), हैण्डलूम स्किल सेंटर, महिलाओं एवं बच्चों के लिए डिजिटल क्लासरूम, क्षेत्र के युवाओं के उज्जवल एवं समावेशी भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए खेलों को बढ़ावा देना।

प्रधानमंत्री तथा केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अन्य दिग्गजों की मौजूदगी में सम्मेलन के दौरान वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने क्षेत्र की प्रगति के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, “आज उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्य दो अंकों में विकास दर्ज कर रहे हैं। अवसर पहले की तुलना में कहीं तेज़ी से बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह क्षेत्र विकसित भारत के विकास का मुख्य इंजन बन गया है। निजी क्षेत्र भी पार्टनर के रूप में क्षेत्र की समृद्धि में योगदान देने के लिए तैयार है। वेदांता क्षेत्र में निवेश के लिए प्रतिबद्ध है, जहां तेल एवं गैस से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों एवं प्रतिभाशाली मानव संसाधनों तक अपार प्राकृतिक संसाधन हैं।’’ 

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भूमिगत और भूमि पर स्थित प्राकृतिक संसाधनों का प्रचुर भंडार हैं। भारत में तेल की खोज की पहली साईट असम के पास देश के 27 फीसदी कच्चे तेल के भंडार हैं। कैयर्न ऑयल एण्ड गैस, असम के हज़ारीगांव फील्ड से उत्पादन कर रही है, जो उत्तर-पूर्व में उत्पादन शुरू करने वाला पहला डीएसएफ (अन्वेषित छोटो फील्ड) है।