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रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में शिकार-रोधी प्रयासों को किया प्रोत्साहित

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में 29 जुलाई 2025 को द एनिमल केयर ऑर्गेनाइज़ेशन ने राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में महत्वपूर्ण संरक्षण इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। वेदांता लिमिटेड की समाज प्रभाव शाखा अनिल अग्रवाल फाउन्डेशन के तत्वावधान में द एनिमल केयर ऑर्गेनाइज़ेशन ने वन्यजीवन संरक्षण एवं पारिस्थितिक स्थायित्व के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

द एनिमल केयर ऑर्गेनाइज़ेशन ने टाइगर रिज़र्व में पांच दो-मंज़िला शिकार रोधी कैम्प्स का निर्माण कार्य शुरू किया है। हर कैम्प तकरीबन 762 वर्गफीट क्षेत्रफल में फैला है और पूरी तरह से सौर उर्जा द्वारा संचालित है। चौबीसों घण्टे निगरानी में रहने वाला यह कैम्प स्थायित्व को सुनिश्चित करता है। ये आधुनिक कैम्प वन कर्मचारियां की निरंतर मौजूदगी को सुनिश्चित कर पैट्रोलिंग के प्रयासों को मजबूत बनाएंगे और शिकार के खिलाफ़ लड़ाई में पहरेदार की भूमिका निभाएंगे। 

इसके साथ द एनिमल केयर ऑर्गेनाइज़ेशन ने वन विभाग के अधिकारियों के लिए सर्विलान्स व्हीकल भी तैनात किए हैं। जो रिज़र्व के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तुरंत प्रतिक्रिया एवं गतिशीलता को सुनिश्चित करेंगें राजस्थान के बूंदी ज़िले में स्थित यह नया टाइगर रिज़र्व रामगढ़ विषधारी, भारत का 52वां रिज़र्व है, जो 1500 वर्ग किलोमीटर में फैला है।

यह अपने कोर और बफ़र ज़ोन के साथ रणथंबौर एवं मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व को जोड़ने वाले कॉरीडोर की भूमिका निभाता है। यह बाघों की आवाज़ाही, आनुवंशिक विविधता को सुगम बनाकर क्षेत्र की जैव विविधता को मजबूत बनाता है तथा कई प्रजातियों जैसे तेंदुए, लकड़बग्घे, सियार, चिंकारा एवं विभिन्न पक्षी प्रजातियों को सुरक्षित रखता है।