लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ICICIबैंक की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) शाखा, आईसीआईसीआई फाउंडेशन फॉर इनक्लूसिव ग्रोथ (आईसीआईसीआई फाउंडेशन) ने अत्याधुनिक डिजिटल हेल्थ स्टैक विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के साथ साझेदारी की है।
आईसीआईसीआई डिजिटल हेल्थ स्टैक (आईसीआईसीआई-डीएचएस) नामक इस पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार को मिलाकर भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना है। इस पहल का समर्थन करने के लिए, आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने आईआईटी कानपुर को ₹34 करोड़ देने का संकल्प लिया है।
इस विकास को और आगे बढ़ाने के लिए, आईआईटी कानपुर ने अपने परिसर में एक समर्पित इनोवेशन लैब स्थापित की है। इस लैब का उद्घाटन आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिन्हा ने आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक राकेश झा और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल की उपस्थिति में किया।
आईसीआईसीआई-डीएचएस को एक मॉड्यूलर, स्केलेबल और ओपन डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो डिजिटल उपकरणों और प्रणालियों के एकीकरण के माध्यम से बदलती स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करेगा।
इन बिंदुओं पर केंद्रित होगी यह पहल
• ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से टेलीमेडिसिन की पहुंच बढ़ाना
• विकेन्द्रीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए पोर्टेबल हेल्थकेयर उपकरणों की प्रभावशीलता का परीक्षण
• एआई आधारित फीचर्स के माध्यम से पुरानी बीमारियों में रुझानों की पहचान सक्षम करना
• नियामकों के अनुरूप डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड प्रोटोकॉल तैयार करना।
आईसीआईसीआई-डीएचएस का एक उल्लेखनीय शुरुआती उपयोग हाल ही में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान विकसित किया गया रियल टाइम बेड अवेलेबिलिटी एंड रेफरल पोर्टल (आरटी-बार्प) रहा। इस पोर्टल ने स्वास्थ्य विभाग को बिस्तरों की बुकिंग, एम्बुलेंस की उपलब्धता और रेफरल समन्वय में मदद की, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सकी।
साझेदारी पर बोलते हुए आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन प्रदीप कुमार सिन्हा ने कहा, “हम मानते हैं कि तकनीक आधारित नवाचार ही भारत में समावेशी स्वास्थ्य सेवा की कुंजी है। हमें आईसीआईसीआई डिजिटल हेल्थ स्टैक पर आईआईटी कानपुर के साथ सहयोग कर खुशी हो रही है, जो सार्वजनिक कल्याण के लिए भविष्य-उन्मुख और डिजिटल रूप से सुसंगत स्वास्थ्य इकोसिस्टम तैयार करने में मदद करेगा।”
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल अग्रवाल ने कहा, “आईसीआईसीआई डिजिटल हेल्थ स्टैक परियोजना को हमने पिछले वर्ष शुरू किया था। इसके माध्यम से हमारा उद्देश्य ऐसी तकनीक विकसित करना है जो पूरी तरह साक्ष्य-आधारित, व्यवहारिक, व्यक्ति-केंद्रित और डिजिटल रूप से सक्षम स्वास्थ्य सेवा का लाभ लोगों तक पहुंचा सके। हम पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में सभी तक इस स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इस पहल के तहत हमारी टीम ने रियल टाइम बेड अवेलेबिलिटी एंड रेफरल पोर्टल (आरटी-बार्प) विकसित किया, जिसे महाकुंभ 2025 के दौरान सफलतापूर्वक लागू किया गया और इसने बेहतर तैयारी तथा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की। हम आईसीआईसीआई फाउंडेशन के उदार सहयोग के आभारी हैं।”