पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया के वर्धा चैप्टर ने महाराष्ट्र दिवस पर ‘बदलता महाराष्ट्र’ विषय पर आयोजित किया परिसंवाद
वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महाराष्ट्र दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया के वर्धा चैप्टर की ओर से ‘बदलता महाराष्ट्र’ विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया। जिसमें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बालाजी चिरडे ने कहाकि देश में जितनी भी विचारधाराएं हैं उनकी जन्म भूमि महाराष्ट्र है। बदलते महाराष्ट्र को और आगे ले जाने के लिए हमें सभी को शिक्षण उपलब्ध हो सके इस पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों पर अपनी पसंद का शिक्षण थोपने के बजाए उन्हें प्राकृतिक तौर पर शिक्षण लेने के लिए अवसर देना चाहिए।
निसर्ग सेवा समिति, वर्धा के आक्सीजन पार्क के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया, वर्धा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राजेश लेहकपुरे ने की। इस अवसर पर वक्ता के रूप में विदर्भ साहित्य संघ, नागपुर के अध्यक्ष प्रदीप दाते और निसर्ग सेवा समिति के अध्यक्ष मुरलीधर बेलखोडे उपस्थित थे। डॉ. चिरडे ने महाराष्ट्र में भाषा, शिक्षण और समाज में आए बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए युवा राष्ट्र को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए।
प्रदीप दाते ने राज्य को अग्रसर बनाए रखने में शिक्षण को महत्वपूर्ण माध्यम बताया। शिक्षण से ही आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक बदलाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य की स्थापना के 64 वर्ष में क्या खोया क्या पाया इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने श्रमिक दिवस पर भी अपने विचार रखे। मुरलीधर बेलखोडे ने राष्ट्र विकास की नींव रखने में महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, विनोबा भावे, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, सुब्बाराव जैसे विचारकों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी दूरदृष्टि के कारण महाराष्ट्र स्त्री शिक्षा, ग्राम विकास, नई तालीम, राष्ट्र भाषा आदि में रोल मॉडल के रूप स्थापित हुआ है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. राजेश लेहकपुरे ने मराठी राजभाषा दिवस पर अपनी बात रखी। उन्होंने बदलते महाराष्ट्र के परिप्रेक्ष्य में भी विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन पीआरएसआई वर्धा चैप्टर के सचिव बीएस मिरगे ने किया तथा उपाध्यक्ष प्रफुल्ल दाते ने आभार जताया। कार्यक्रम का प्रारंभ महाराष्ट्र गीत जय जय महाराष्ट्र माझा… से तथा समापन राष्ट्र वंदना से किया गया।
इस अवसर पर प्रो. आनंद पाटील, एड. नंदकुमार वानखेडे, नरेंद्र दंढारे, विनेश काकडे, प्रो. किशोर वानखेडे, डॉ. कोमल कुमार परदेशी, डॉ. मनोज मुनेश्वर, दामोदर राऊत, बा. दे. हांडे, डी. गोपाल, आकाश दाते, राखी, आरती कुमारी, वृशाली बकाल, प्रिया कुमारी, सुधीर कुमार, रजत बत्रा, विकास मिश्र, शिवम चौधरी, राजन आदि उपस्थित थे।