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न्यूक्लियर पावर नेट ज़ीरो में निभा सकता है बड़ी भूमिका : डॉ. बीएन जगताप

रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल में आयोजित हुआ विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। देश में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग को बढ़ावा देने एवं इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी (आईएनएस), मुंबई द्वारा लखनऊ में पहली बार विद्यार्थियों के लिए देश के वरिष्ठ एवं विशिस्ट परमाणु वैज्ञानिकों के साथ संवाद स्थापित करने हेतु विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुवार को सेक्टर 14, इन्दिरा नगर एवं सेक्टर- 06, विकास नगर स्थित रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर आईएनएस के अध्यक्ष एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीए आरसी), मुंबई से सेवानिवृत देश के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. बीएन जगताप ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “परमाणु ऊर्जा में काफी क्षमता है और इससे स्वच्छ, हरित एवं सुरक्षित तरीके से बिजली का उत्पादन करके कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सकता है। वर्ष 2070 तक भारत नेट-ज़ीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता हासिल कर सकता है। इसके साथ ही उन्होने भारत में न्यूक्लियर साइन्स एवं टेक्नालजी के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि के बारे में भी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को अवगत करवाया। इसके अलावा उन्होने ये भी बताया कि किस तरह से आईएनएस देश भर में लोगों को परमाणु ऊर्जा के महत्वपूर्ण आयामों के बारे में बताने एवं लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए इसी प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। 

इस अवसर पर लगभग 1500 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने मुंबई से आए हुए परमाणु वैज्ञानिकों से परमाणु ऊर्जा की उपयोगिता एवं भविष्य में इसके योगदान पर जानकारी हासिल की। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विद्यालय के निदेशक मोहिंदर सिंह, निदेशिका आशा अरोरा एवं प्रधानाचार्या उमा मानवेन्द्र पांडेय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। पहली बार इस तरीके के आयोजन को आरएलबी स्कूल में करने हेतु धन्यवाद प्रस्तावित किया। 

इस मौके पर बीए आरसी, भारत सरकार के पूर्व अति विशिष्ट वैज्ञानिक डॉ. रामा राव एवं डॉ. इन्दिरा प्रियदर्शिनी ने विद्यार्थियों के साथ चर्चा करते हुए न्यूक्लियर साइन्स एवं टेक्नोलॉजी एवं खास तौर पर रेडियेशन से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों जैसे एग्रीकल्चर, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन एवं खाद्यान प्रसंस्करण में इसकी उपयोगिता के बारे में चर्चा की। इसके अलावा उन्होने भविष्य में परमाणु ऊर्जा द्वारा लोगों के जीवन स्तर को और भी अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा किए जा रहे नए-नए अनुसन्धानों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। 

इस अवसर पर परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत न्‍यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) से महाप्रबंधक (सी & एम एम), केयू अग्रवाल उप-महाप्रबंधक (मीडिया) अमृतेश श्रीवास्तव, ने कहा कि भारत में आज विभिन्न स्थानों पर 24 न्यूक्लियर पावर प्लांट्स कार्यरत हैं। जिनसे 8180 मेगावाट क्षमता पर शुद्ध, हरित, सुरक्षित एवं किफ़ायती तरीके से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काफी ज़िम्मेदारी से कार्य कर रहा है और विश्व पटल पर तेजी से उभर रहा है। उन्होने व्याख्यान के दौरान बताया कि परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की दिशा में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में 31 मार्च, 2024 को गुजरात राज्य में स्थित भारत के सबसे बड़े और विशालकाय स्वदेशी तकनीक पर आधारित काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना की 700 मेगावाट विद्युत क्षमता वाली प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर अर्थात पी एच डब्लू आर प्रौद्योगिकी पर आधारित दूसरी स्‍वदेशी इकाई, केएपीपी-4 का पूरी क्षमता के साथ व्यावसायिक प्रचालन शुरू हो गया। भविष्य में और भी अधिक परमाणु रिएक्टरों के लगने से भारत में स्वच्छ और हरित तरीके से बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होने एनपीसीआईएल के द्वारा बेहद सुरक्षित तरीके से संचालित सभी परमाणु बिजली घरों के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में भी चर्चा की। 

कार्यक्रम के समापन में आईएनएस की तरफ से ओपी राय ने विद्यालय को सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।