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माता गौरी के पूजन से दूर होती है कुंवारी कन्याओं की सभी बाधाएं : आचार्य देवमुरारी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ऐशबाग रामलीला मैदान में चल रही श्रीराम कथा के पांचवें दिवस आचार्य देवमुरारी बापू ने सीताराम विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने श्रोताओं को संदेश दिया कि यदि हम अपने गुरु और बुजुर्गों की सेवा करेंगे और उनसे आशीर्वाद लेकर कार्य करेंगे तो जो मांगेंगे वह पूरा हो जाएगा। श्रीराम लक्ष्मण गुरु जी की आज्ञा लेकर पुष्प वाटिका में फूल लेने के लिए गए। गुरु की सेवा का फल उन्हें मिला और भगवती सीता उन्हें वाटिका में मिली। सीता जी भी नित्य माता गौरी की पूजन करने आई थी उन्हें पूजन का परिणाम उनको मनचाहा वर भगवान श्री राम के रूप में मिले।

कथा व्यास ने कहा कि जब कोई कुंवारी कन्या माता गौरी का मन से पूजन करती है तो उसकी समस्त बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। मार्ग में आने वाला व्यवधान भी रुक जाता है। बड़ों के आशीर्वाद से सीताराम जी का मिलन हुआ। आचार्य देवमुरारी बापू ने बताया कि श्री राम जी के जनकपुर में चार प्रकार के विवाह हुए हैं, पहले गंधर्व विवाह है जो पुष्प वाटिका में हुआ, दूसरा प्रश्न विवाह जो धनुष को भगवान श्री राम ने तोड़ा, तीसरा स्वयंवर विवाह है जो राम जी के गले में सीता जी ने माला पहनाई, चौथा लौकिक विवाह वेद शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में भांवरी फेरी जाती है राम जी का चौथा विवाह भी संपन्न हुआ। 

मनु जी ने मनुस्मृति में आठ प्रकार के विवाह का वर्णन किया है चार उच्च कोटि के विवाह हैं और चार निकृष्ट कोटि के विवाह बताए हैं। जिनको राक्षस प्रवृत्ति का विवाह कहते हैं। जबरदस्ती किसी का अपहरण करके अपनी पत्नी बनाना यह राक्षस प्रवृत्ति का विवाह माना गया है।

इस अवसर पर ऐशबाग वार्ड पार्षद संदीप शर्मा, विधायक रविदास मेहरोत्रा के अलावा सन्तोष कुमार, तारा चन्द यादव, रंजना अग्निहोत्री, वीरेन्द्र मिश्रा, संजय सक्सेना, महासचिव जितेश श्रीवास्तव, जितेन्द्र शर्मा, सतपाल सिंह, निर्मल सिंह, जीतेश श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, जितेंद्र शर्मा, डॉ. विनोद अग्रवाल, रिजवान अहमद, दीपक आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।