श्रीगंगानगर (एजेंसी/टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। यूनाईटेड बु्रवरीज़ लिमिटेड ने एक महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल करते हुए राजस्थान के श्रीगंगानगर के आसपास इलाकों में कंपनी से जुड़े जौ के किसानों के लिए सहभागिता कार्यक्रम का आयोजन किया। यूबीएल, उद्योग और पर्यावरण के बीच की कड़ी को अच्छी तरह पहचानती है क्योंकि हमारे उत्पादों का प्रमुख सामग्री फसल एवं पानी हैं। स्थायित्व के लिए प्रतिबद्धता हेतु हम सक्रियता के साथ अपने महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक किसानों के साथ मिलकर काम करते हैं। अपने सहभागिता कार्यक्रम के अंतर्गत यूबीएल द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिल सकें और कंपनी के अनुभवी कर्मचारियों द्वारा उन्हें उचित कृषि परामर्श भी लगातार दिया जाता रहे। इसके साथ ही कंपनी, किसानों द्वारा उगाई जाने वाली जौ को खरीदते हुए यह भी सुनिश्चित करती है कि उन्हें बाज़ार से अधिक कीमत मिल सके। यूबीएल के नेतृत्व में भारत में 2 पंक्ति वाले जौ का खेती मॉडल संचालित किया जाता है, जो स्थानीय उत्पादकों से कच्चा माल खरीद कर उनकी मदद करता हैं।
किसानों के साथ वर्ष दर वर्ष मज़बूत होती साझेदारी की सफलता की खुशी में यूबीएल ने इस बार किसान दिवस का आयोजन किया। इस समारोह में यूबी के संचालन वाले क्षेत्रों के 250 से अधिक किसानों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में यूबीएल और जौ किसानों की लंबी साझेदारी का जश्न मनाया गया। किसानों की जीवन यात्रा और उनकी सफल कहानियों की सराहना की गई। इसके अलावा, उन्हें जौ की खेती से जुड़ी ताजा महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्रदान की गई। यूबीएल ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने खेती कार्यक्रम को ‘किसान उन्नति का नाम दिया।
यूनाइटेड बु्रवरीज़ के प्रवक्ता ने कहा, “यूबीएल में हम विश्व और इसके लोगों का ख्याल” रखने हेतु प्रतिबद्ध हैं, जिसमें स्थानीय किसानों से जौ की खरीदारी कर, किसान समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को प्राथमिकता देना और उपभोक्ताओं के बीच हमारे उत्पादों के जिम्मेदारी पूर्वक सेवन को बढ़ावा देना शामिल है। श्री गंगानगर में हमारा सहयोगी खेती मॉडल पिछले दो दशकों से चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गुणवत्ता, उत्पादकता बढ़ाना, उचित लागत सुनिश्चित करा और दीर्घकालिक स्थायित्व कायम रखना है। इस समारोह का आयोजन करते हुए हमें गर्व है, जहां हमारे सहयोगी खेती कार्यक्रम किसान उन्नति और किसानों के साथ साझेदारी में हासिल पड़ावों की खुशी मनाई गई।
किसान उन्नति कार्यक्रम का उद्देश्य जौ उत्पादन को कंपनी के उत्पादों की बिक्री के अनुकूल बनाना है। जिससे फसल कटाई के बाद पैदावार की बर्बादी प्रभावी तरीके से कम की जा सके। हम फसल की उपज को बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से बीज एवं फर्टिलाइज़र का उपयोग करवाते हैं, और साथ ही सही समय पर फसल कटाई करवाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में हमारी करीबन 30 प्रतिशत जौ की ज़रूरत सहभागी खेती गतिविधियों से पूरी हुई है, जबकि बाकी ज़रूरत के लिए भी हमनें स्थानीय किसानों से ही खरीदारी की है। हमारे मॉडल के तहत भूमि की उपजाऊ क्षमता कमजोर होने से रोकने और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाता है। इस तरह स्थाई कृषि पद्धतियों के प्रति हमारे समर्पण की पुष्टि होती है।
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जीआर मटोरिया (जॉइंट डायरेक्टर, एग्रीकल्चर राजस्थान), उपस्थित थे। IIWBR, KARNAL से वैज्ञानिकों की एक टीम ने भी कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें डॉ. रणधीर सिंह (पीआई – कृषि विस्तार), डॉ. आरपीएस वर्मा, (ICARDA – Barley Leader), डॉ. अनिल खिप्पल (पीएस – एग्रोनॉमी) शामिल रहे। इन्होंने जौ उत्पादन की आधुनिक तकनीकों एवं जौ की किस्मों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझीं की।