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राष्ट्रीय पोषण माह : जिलाधिकारी ने किया हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ

 

“सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत” की थीम के साथ मनाया जाएगा राष्ट्रीय पोषण माह 

पहले सप्ताह की थीम स्तनपान और ऊपरी आहार

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राष्ट्रीय पोषण माह के दूसरे दिन शनिवार को बक्शी का तालाब तहसील पर हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने किया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं और सुपोषित लखनऊ बनाने में सहयोग करें। उन्होंने आईसीडीएस के स्टाल का अवलोकन किया और श्री अन्न से बने व्यंजनों का भी स्वाद लिया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार, बक्शी का तालाब ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी जय प्रताप सिंह, अन्य विभागों के प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रहीं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी एक से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जाएगा। अभी तक पाँच पोषण माह सफलता पूर्वक आयोजित किए जा चुके है। इस साल पोषण माह की थीम “सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत” है। इस वर्ष पोषण माह के तहत जीवन की मुख्य तीन अवस्थाओं को केंद्रित करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह अवस्थाएं, गर्भावस्था, शैशवा वस्था बाल्यावस्था और किशोरावस्था  है। उपरोक्त थीम के आधार पर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

पोषण माह के दौरान छह माह तक केवल स्तनपान, ऊपरी आहार, “मेरी माटी मेरा देश”, स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी, “टेस्ट, ट्रीट, टॉक  एनीमिया” पर गतिविधियां आयोजित होंगी। इसके अलावा पोषण स्तर को मिशन लाइफ के माध्यम से सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। राजेश कुमार ने बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अलावा, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, महिला विकास विभाग सहित अन्य विभागों का भी सहयोग रहेगा।

अभियान के दौरान  श्री अन्न पर भी फोकस किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मोटे अनाज से तैयार व्यंजनों का प्रदर्शन कर लाभार्थियों को दिखाया जाएगा। इसके साथ ही श्री अन्न के सेवन की जागरूकता को लेकर विद्यालयों में क्विज, निबंध, मेलों और चित्रकला  प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सीएचसी, पीएचसी पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को आहार संबंधी परामर्श देने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक एवं क्षेत्रीय पौष्टिक आहार की भूमिका को लेकर वेबिनार का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहला सप्ताह “स्तनपान और ऊपरी आहार सप्ताह” के तौर पर मनाया जा रहा है।

मलिहाबाद विकासखंड के आँगनबाड़ी केंद्र पुरवा पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नविता द्विवेदी ने उपस्थित गर्भवती और धात्री को स्तनपान और ऊपरी आहार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को जन्म के तुरंत बाद ही माँ का दूध देना चाहिए। इससे पहले कुछ भी नहीं खिलाना या चटाना चाहिए। छह माह तक बच्चे को केवल माँ का दूध दें, दूध के अलावा कुछ भी न दें। माँ का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार होता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। बच्चा जब छह माह का हो जाए तो उसके बाद उसे माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार देना शुरू करें। छह माह की आयु के बाद बच्चे की बढ़त के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता है। उससे माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है। ऊपरी आहार में मसली हुई दाल, चावल, केला, आलू सूजी की खीर दें। खाने की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। खाने में पानी की मात्रा ज्यादा न रखें ऐसे में बच्चे का पेट तो भर जाएगा लेकिन उसे आवश्यक पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाएंगे।

धात्री महिला आरती ने बताया कि आंगनबाड़ी दीदी ने जानकारी दी कि बच्चे को कैसे स्तनपान कराना चाहिये। इसके लिए उन्होंने कपड़े से बने गुड्डे का इस्तेमाल किया था। उन्होंने बताया कि निपल का काला भाग बच्चे के मुंह में होना चाहिए। लेटकर का बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए। एक स्तन से कम से कम 20 मिनट तक स्तनपान कराना चाहिए। इसके साथ ही स्तनों को अच्छे से साफ करना चाहिए और जितनी बार भी स्तनपान कराएं अपने हाथों को अच्छे से साबुन और पानी से धोलें जिससे कि बच्चे को किसी तरह का संक्रमण नहीं होने पाए।