लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। निरंतर अभ्यास करने वाले का ही विकास होता है, सीखने का कोई समय नही होता, सीखने की कोई उम्र नहीं होती। भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरु थे। 90 वर्ष का जापानी व्यक्ति प्लेन से यात्रा करते हुए भी विश्व की सबसे कठिन भाषा मंदारिन (चाइनीज) सीख सकता है तो हम क्यों नही। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलीगंज में आयोजित जिला स्तरीय आचार्य प्रतिभा विकास वर्ग में उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेम चन्द्र ने कहीं। विद्याभारती के संकल्प को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि 60% सहायक सामग्री का निर्माण बच्चों के माध्यम से आचार्यों को करना चाहिए। अरुण से द्वादश तक शत प्रतिशत परीक्षाफल होना चाहिए। मेरे विषय में सबसे कमजोर बच्चे का भी 75% परिणाम होना, टॉप टेन की मेरिट लिस्ट में हमारे बच्चों का नाम आना चाहिए।
दो दिवसीय संकुल स्तरीय आचार्य विकास वर्ग के प्रथम सत्र में मां सरस्वती की वंदना के उपरांत विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने आए हुए अतिथियों हेमचंद्र, दिनेश, राजेंद्र, विद्यालय के प्रबंधक डॉ. शैलेश का स्वागत एवं अभिनंदन किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना में प्रधानाचार्य ने बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कुल 200 आचार्य तथा 14 प्रधानाचार्य प्रतिभाग कर रहे हैं। कुल आठ सत्रों में विभाजित कर विषय विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक तकनीकी के माध्यम से अध्ययन अध्यापन का कार्य किया जाना है ।