मुंबई (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। टाटा एसेट मैनेजमेंट ने टाटा म्यूचुअल फंड की ओर से पेश टाइटेनियम स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (एसआईएफ) के लॉन्च की घोषणा की है। यह फंड हाइब्रिड (मिली-जुली) लॉन्ग-शॉर्ट निवेश रणनीति के आधार पर इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव निवेशों को गतिशील रूप से संयोजित करता है ताकि निवेशकों को बेहतर जोखिम-समायोजित लाभ के साथ बाज़ार के विभिन्न चरणों में आगे बढ़ने में मदद मिल सके। यह नया फंड ऑफर 17 नवंबर, 2025 को खुलेगा और 2 दिसंबर, 2025 को बंद होगा। यह फंड ज़्यादा जोखिम पसंद करने वाले निवेशकों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें किसी एएमसी में पैन स्तर पर सभी एसआईएफ के लिए न्यूनतम निवेश राशि 10 लाख रुपये है।
हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट श्रेणी वाला यह फंड, इक्विटी और डेट में न्यूनतम 25% आवंटन और शॉर्ट इंस्ट्रूमेंट में अधिकतम 25% बगैर हेज वाला निवेश रखता है। यह अनूठा मिश्रण फंड को इक्विटी और डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट में लॉन्ग पोज़ीशन के ज़रिये बाज़ार में तेज़ी का सामना करने, शॉर्ट स्ट्रैटेजी और आर्बिट्रेज के ज़रिये नकारात्मक जोखिम को कम करने और डेट के ज़रिये संभावित रूप से रिटर्न पैदा करने में मदद करता है। इस रणनीति के तहत रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) में भी निवेश किया जा सकता है।
फंड लॉन्ग और शॉर्ट, दोनों तरह के एक्सपोज़र को सक्रिय रूप से प्रबंधित कर, ऐसा प्रदर्शन प्रदान करने का प्रयास करता है जो बाज़ार के रुझान पर कम निर्भर हो। यह रणनीति इक्विटी डेरिवेटिव का उपयोग बाज़ार के रुझान को व्यक्त करने, बढ़ते और गिरते दोनों शेयरों में अवसरों का लाभ उठाने और अस्थिर चरणों के दौरान जोखिम प्रबंधन के लिए करती है। इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव में एक्सपोज़र को विविधीकृत करने का यह तरीका पोर्टफोलियो की दक्षता बढ़ाने के लिए अपनाया जाता है।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के मुख्य व्यवसाय अधिकारी, आनंद वर्दराजन ने इस फंड को लॉन्च करते हुए कहा, “एसआईएफ फ्रेमवर्क की शुरुआत भारत के निवेश परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो अधिक परिष्कृत लेकिन सुव्यवस्थित रणनीतियों के लिए जगह बनाता है। हम ऐसे उत्पाद बनाने पर ध्यान देते हैं, जो निवेशकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करते हुए विवेक और दीर्घकालिक धन सृजन के हमारे मूल सिद्धांत को बनाए रखें। बाज़ार में अस्थिरता आना स्वाभाविक है। हमने देखा है कि लगभग 65% अवधि में बाज़ार में तेज़ी का रुख रहता है, जबकि 35% अवधि में कोई ख़ास उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलता (साइडवे) या फिर गिरावट का रुझान रहता है। निवेशक इस संदर्भ में, पोर्टफोलियो से रिटर्न हासिल करने के लिए तेज़ी के दौर का इंतज़ार करना चाहते हैं। एसआईएफ निवेशक को हेजिंग और डेरिवेटिव की मदद से बाज़ार में गिरावट या साइडवे के संभावित रूप से लाभ उठाने में मदद करता है। हमारी टाइटेनियम एसआईएफ रणनीतियों का उद्देश्य है, इन अपेक्षाओं को पूरा करना।”
टाइटेनियम एसआईएफ के फंड प्रबंधक, सूरज नंदा ने कहा, “टाइटेनियम हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट फंड निवेश का अलग दृष्टिकोण पेश करता है जो गतिशील जोखिम प्रबंधन के ज़रिये जोखिम और परिणाम को संतुलित करने का प्रयास करता है। एसआईएफ ढांचा बाज़ार में बदलाव के अनुकूल रणनीति बनाने के लिहाज़ से अधिक लचीलापन प्रदान करता है। यह फंड लॉन्ग और शॉर्ट, दोनों पोज़ीशन का चतुराई से इस्तेमाल कर, अस्थिरता कम करते हुए जोखिम-समायोजित रिटर्न पैदा करने का प्रयास करता है – जो वृद्धि की संभावनाओं से समझौता किए बिना संभावित स्थिरता चाहने वाले निवेशकों के लिए लाभ की स्थिति होती है।“
सेबी द्वारा प्रस्तुत एसआईएफ ढांचा म्यूचुअल फंड और एआईएफ/पीएमएस संरचनाओं के बीच की खाई को पाटता है, जिससे फंड हाउस विनियमित और कर-कुशल माहौल में नए किस्म के लचीले उत्पाद पेश कर सकते हैं। यह ढांचा निवेशकों को 10 लाख रुपये के न्यूनतम पैन-स्तरीय निवेश के साथ किसी एएमसी में एसआईएफ में निवेशक की सुविधा प्रदान करता है। यह उन निवेशकों की ज़रूरतों को पूरा करता है जो अलग-अलग रणनीतियों की तलाश में रहते हैं और उन्हें लगता है कि नए किस्म के समाधान उचित तरीके से जोखिम प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।
टाइटेनियम एसआईएफ – हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट फंड का शुभारंभ, टाटा एसेट मैनेजमेंट की नए किस्म के और शोध-आधारित निवेश समाधान तैयार करने के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जो निवेशकों को हर तरह कके बाज़ार चक्र में दीर्घकालिक स्तर पर धन सृजन करने में मदद कर सकते हैं।
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