Wednesday , November 19 2025

भारत ‘एक उभरता मॉडल’ और उत्तर प्रदेश उभरता निवेश गंतव्य : पीयूष गोयल 

  • इंडो-यूएस समिट में बोले पीयूष गोयल, भारत एक ‘उभरता मॉडल’, उत्तर प्रदेश बड़ा निवेश केंद्र

नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित इंडो–यूएस आर्थिक सम्मेलन 2025 में मुख्य अतिथि के रूप संबोधित करते हुए कहा कि “भारत केवल एक उभरता हुआ बाजार नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ मॉडल है”, जो विकसित भारत के लक्ष्य को दर्शाता है। 

श्री गोयल ने देश की मजबूत आर्थिक प्रगति के मुख्य आधारों पर प्रकाश डाला, जिनमें जीएसटी सुधार 2.0, बढ़ती हुई अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियाँ और भारत का प्रतिभा-संपन्न युवा कार्यबल शामिल है। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य आज एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभर रहा है, जहाँ होने वाला प्रत्येक निवेश सार्थक परिणाम और रोजगार सृजन सुनिश्चित कर रहा है।

इंडो–यूएस आर्थिक सम्मेलन के 22वे संस्करण ने उद्योग जगत, नीति–निर्माताओं और वैश्विक विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान किया। जहाँ अगले दशक की आर्थिक एवं तकनीकी प्रगति की रूपरेखा तय की गई। सम्मेलन की शुरुआत आईटी एवं आईटीईएस सत्र से हुई, जिसका विषय (डिजिटल तकनीकें जो नवाचार के अगले दशक को करेंगी परिभाषित) (Emerging Digital Technologies Shaping the Next Decade of Innovation) था। इसमें एआई, डेटा प्राइवेसी, क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन, डिजिटल ट्रस्ट और भविष्य–उन्मुख डिजिटल अवसंरचना पर गहन चर्चा हुई। 

इस सत्र की अध्यक्षता अरुण कर्ण (इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी परिषद सदस्य और प्रबंध निदेशक एटी एंड टी ग्लोबल नेटवर्क सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ने की। जिसमें प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया और जिम्मेदार एआई तथा मजबूत डेटा गवर्नेंस को वैश्विक नवाचार और भारत–अमेरिका डिजिटल सहयोग की नींव बताया।

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण असीम अरुण ने जीरो पॉवर्टी स्कीम की जानकारी साझा की, जो डेटा–आधारित पहल है और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने सीएम विज़न 2027 के अंतर्गत राज्य की $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की दिशा में तेज़ प्रगति को प्रस्तुत किया। वहीं, सचिव एमएसएमई एवं उद्योग, प्रांजल यादव ने राज्य की औद्योगिक पारिस्थितिकी, प्रगतिशील नीतियों और निवेशकों के बढ़ते विश्वास पर प्रकाश डाला।

इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य सत्र में क्लिनिकल उत्कृष्टता, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और भारत–अमेरिका संयुक्त अनुसंधान पर विचार–विमर्श हुआ। शिक्षा सत्र “साझा वैश्विक भविष्य के लिए शिक्षा और कौशल में प्रगति” (Bridging Borders: Advancing Education and Skills for a Shared Global Future)  विषय पर आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि पार्थ सारथि सेन शर्मा (आईएएस, अपर मुख्य सचिव, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार रहे। उन्होंने शिक्षा सुधार और कौशल विकास को वैश्विक प्रतिस्पर्धी कार्यबल निर्माण की कुंजी बताया। वहीं ईएसजी सत्र में ग्रीन ट्रांज़िशन, सस्टेनेबल फाइनेंस और नेट ज़ीरो लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा हुई।

अंततः, इंडो–यूएस आर्थिक सम्मेलन 2025 ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को नई दिशा देने का मार्ग प्रशस्त किया, जहाँ उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों और निवेश–अनुकूल वातावरण ने वैश्विक निवेशकों का विश्वास और अधिक मजबूत किया।