लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गोमा तट पर चल रहे उत्तराखंड महोत्सव में भारी भीड़ उमड़ रही है। स्टालों पर उत्तराखंड के ऑर्गेनिक उत्पाद, पारंपरिक खाद्य सामग्री, महिला स्वयं सहायता समूह में उत्तराखंड की ज्वेलरी, दालें, पिछोड़े और हस्तशिल्प को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है। यह स्टॉल युवाओं और परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मोटे अनाज के प्रमोशन हेतु भी स्टॉल है। महापरिषद की टीम हर्ष के साथ सजग है, महोत्सव में साफ सफाई, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था तथा पूरा स्थल सीसी टाइम टीवी कैमरे की नजर में है।

विरासत में मिली संस्कृति के साथ-साथ आधुनिक जीवन शैली तथा नवाबों के समय से लखनऊ तहजीब को संभाले हुए हैं। तहजीब की झलक महोत्सव में पूरे राष्ट्र के विविध कार्यक्रमो के साथ गोमती तट पं0 गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में चल रहे महोत्सव में देखने को मिल रही है।

कार्यक्रमों में पारंपरिक झोड़ा प्रतियोगिता, ऊर्जावान डांस उत्तराखंड डांस (जिसमें गैर-उत्तराखंडी टीमें भी उत्तराखंडी गीतों पर प्रदर्शन करती हैं)। इसके साथ नाचेगा भारत, झोड़ा, वॉयस ऑफ उत्तराखंड और आकर्षक छपेली लोक नृत्य ने भी वातावरण को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया है और ₹3.5 लाख की इनामी राशि वाले प्रतियोगिताएं प्रतिभागियों के साथ दर्शकों की धड़कन बढ़ा रही हैं।
यह सांस्कृतिक अभियान परंपरा और आधुनिकता के बीच सेतु का कार्य कर रहा है। आज की युवा पीढ़ी का यह उत्साह बताता है कि हमारी संस्कृति आज भी जीवंत है और प्रस्तुतियों की जगमगाहट सोशल मीडिया पर महोत्सव की झलकियां तथा विभिन्न मीडिया के माध्यम से नई ऊर्जा प्राप्त कर रही है।

मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह कनवाल ने बताया अल्मोड़ा की सौगात बाल मिठाई की खूब बिक्री हो रही है। खोये को लचीला भूनने के बाद उसे आकर देकर बाहर से सफेद दाने लगाए जाते हैं। उन सफेद दानों के अंदर भी पोस्ता के दाने होते हैं, कहा जाता है ‘‘अल्मोड़ी बाल, भ्यार बै सुकिल हुनी, भीतेर बै लाल, हुनी अल्मोडी होशियार’’ (अल्मोड़ा की बाल मिठाई बाहर से सफेद किंतु अंदर से लाल होती है। अल्मोड़ा वाले होशियार होते हैं।

पांचवें दिन गुरुवार को सांध्यकालीन कार्यक्रम का शुभारंभ यतेन्द्र कुमार तेवतिया (राज्य विपणन प्रबंधक इफ्को), आशीष सेमवाल (प्रबंधक इफ्को, लखनऊ) एवं महापरिषद के पदाधिकारियों के साथ विधिवत दीप प्रज्वलन कर किया। महापरिषद द्वारा अतिथियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।

कॉफव लोक गायन प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने अपने गायन कौशल का प्रदर्शन किया, महापरिषद की महिला प्रकोष्ठ की देखरेख में हुई इस प्रतियोगिता में प्रथम यश बालेचा, द्वितीय एश्लेशा एवं तृतीय विवान श्रीवास्तव रहे।

छोलिया नृत्य में उधांचल कला केन्द्र, अल्मोडा प्रस्तुति आकर्षक रही। पावनी बजेठा का लोक नृत्य, दिव्या शुक्ला के नेतृत्व में सिटी स्कूल ऑफ डांस एण्ड म्यूजिक ग्रुप की रिमिक्स एवं अन्य प्रस्तुतियाँ, महिलाओं का रैम्प वॉक एव नृत्य की सुन्दर प्रस्तुतियो ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
झोड़े की प्रस्तुति में मायापुरी सोनिया बिष्ट के नेतृत्व में, बहादुरपुर – जान्हवी भट्ट, मायापुरी हेमा अधिकारी के नेतृत्व में सुन्दर झोड़ा लोक नृत्य से मन मोहा।
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