Friday , November 14 2025

CSIR-CDRI : दो दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल– 2025 का आगाज

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान लखनऊ, 13 और 14 नवंबर 2025 को देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के सबसे बड़े वार्षिक समारोहों में से एक, भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 के लिए कर्टेन रेजर कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इसमें लगभग 1000 छात्रों और शिक्षकों को शामिल होने का लक्ष्य रखा गया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य आगामी इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)-2025 के प्रति जन-जागरूकता एवं उत्साह उत्पन्न करना है, जो 6 से 9 दिसम्बर 2025 तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक मंत्रालयों एवं विभागों तथा विज्ञान भारती (VIBHA) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)-2025 का उद्देश्य वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, शिक्षकों, छात्रों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, विज्ञान संचारकों एवं नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच पर लाकर सहयोग, रचनात्मकता और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

“विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिए” यह विश्वास दर्शाता है कि सच्ची समृद्धि वैज्ञानिक ज्ञान के अनुप्रयोग से ही संभव है। जहाँ विचार नवाचार में बदलते हैं, खोज विकास का रूप लेती है और विज्ञान समाज की भलाई का माध्यम बनता है।

कार्यक्रम के पहले दिन लखीमपुर खीरी जिले के तीन सरकारी विद्यालयों के 400 से अधिक छात्रों एवं 25 शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इन प्रतिभागियों को विज्ञान एवं नवाचार की भावना को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कराने हेतु सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान मेँ आमंत्रित किया गया था। छात्रों ने विभिन्न इंटरैक्टिव डेमोंस्ट्रेशन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी (Scientific Quiz) और वैज्ञानिकों के साथ संवाद में भाग लेकर अत्यंत उत्साह एवं जिज्ञासा प्रदर्शित की।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. संजीव यादव (प्रधान वैज्ञानिक एवं जिज्ञासा एवं आउटरीच कार्यक्रम समन्वयक) ने छात्रों और शिक्षकों को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)-2025 से संबंधित विविध गतिविधियों और अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

डॉ. हिजास के.एम. और नितिन तिवारी ने छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल किया। डॉ. हिजास के.एम. ने एक रोचक विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया, जिसमें छात्रों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। इस अवसर पर रवीद्र लोन्धे द्वारा निर्मित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान की लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं। जिनमें सीएसआईआर-सीडीआरआई द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान हेतु किए जा रहे शोध एवं नवाचारों को दर्शाया गया।

कार्यक्रम में इंटरैक्टिव सत्रों, वैज्ञानिक प्रदर्शनों और प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों को विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और रचनात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया। संस्थान की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में विज्ञान आधारित नवाचार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को वैज्ञानिक अध्ययन एवं अनुसंधान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्वक हुआ, जहाँ सभी ने यह संकल्प लिया कि वे “विकसित भारत – आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण में योगदान देंगे — एक ऐसा भारत जहाँ विज्ञान विकास, आत्मनिर्भरता और वैश्विक कल्याण की दिशा में अग्रसर हो।