- शुरूआत सीएमएस के 26 ब्रांच के शिक्षकों को नई तकनीकी की दो दिवसीय ट्रेनिंग से हुई, सीएमएस में विश्वविद्यालय के सहयोग से बनेगा शुभांशु इनोवेशन एक्सप्रेस लैब
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय न सिर्फ तकनीकी के उच्च शिक्षा को प्रदेश में नया आयाम दे रहा है बल्कि अब स्कूलों में भी तकनीकी की अलख जगाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने को बेड़ा उठाया है। विश्वविद्यालय की मंशा स्कूल स्तर पर भी छात्रों में नई तकनीकी और नवाचार की संस्कृति विकसित करने की है। इस क्रम में शुरूआत सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ से हुई है। विश्वविद्यालय की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत बुधवार से हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय अन्य स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेगा।
सीएमएस के 26 ब्रांच के शिक्षक ले रहे प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएमएस के 26 ब्रांच के शिक्षकों शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। दो दिनों में पहले दिन शिक्षकों को इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह एवं मैनेजर वंदना शर्मा ने नवाचार और उद्यमिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी नया आइडिया किसी के भी दिमाग में आ सकता है। एक शिक्षक के तौर पर किसी बच्चे के आइडिया को समझना और उसे आगे बढ़ाने में मदद करना जरूरी है। नवाचार को उद्यमिता में बदलने के बारे में भी बताया। साथ ही इसके लिए सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं, फंड आदि की जानकारी दी। प्रशिक्षण के दूसरे दिन थ्री डी प्रिंटिंग, सेंसर, लेजर तकनीकी आदि की जानकारी विशेषज्ञ देंगे।
विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की मदद से हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री एवं सीएमएस के पूर्व छात्र शुभांशु शुक्ला के नाम पर सीएमएस में शुभांशु इनोवेशन एक्सप्रेस लैब बनाया जाएगा। इसमें छात्र नवाचार पर कार्य कर सकेंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों के कंधों पर अधिक जिम्मेदारी होती है। इसलिए उन्हें हमेशा खुद को अपडेट करते रहना चाहिए। कहा कि छोटे बच्चों के पास भी आइडिया हो सकता है। एक शिक्षक के रूप में उनके आइडिया को सुनना, समझना और आगे बढ़ाना जरूरी है। ताकि उनके आइडिया को नवाचार में बदला जा सके। कहा कि छोटे बच्चों से भी सीखा जा सकता है। इस दौरान उन्होंने नई उभरती तकनीकी के बारे में भी बताया। कहा कि वर्तमान समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। शिक्षकों को इसके बारे में पता होना चाहिए। इस दौरान डीन इनोवेशन प्रो बीएन मिश्रा, एसोसिएट डीन डॉ. अनुज कुमार शर्मा सहित शिक्षक मौजूद रहे।
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