लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस में शुक्रवार को ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिर्सच एन्ड डेवलपमेन्ट भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित पाँच दिवसीय वर्टिकल इन्टेरेक्शन कोर्स सकुशल संपन्न हुआ। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद राज्यमंत्री समाज कल्याण विभाग (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण एवं अति विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार (संयुक्त निदेशक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो लखनऊ) को संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि असीम अरुण ने सभागार में उपस्थित अधिकारियों को वर्टिकल इन्टेरेक्शन कोर्स को पूर्ण करने की बधाई देते हुए कहाकि आज समय की मांग के अनुसार यूपीएसआईएफएस ने आप सभी को महत्पपूर्ण कोर्स कराया है। जिसमे साइबर सिक्योरिटी एवं फोरेंसिक विषयों पर आप सभी ने ज्ञान हासिल किया। उन्होंने अपने प्रारंभिक नौकरी के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि मैं नौकरी में नया-नया आया था पुलिस कार्य के पैटर्न पारम्परिक थे। किसी अपराधी को ढूढ़ने का कार्य भी अलग होता था। उसी दौर में मोबाइल आया तो एक बार फिर पुलिस के कार्य चुनौती पूर्ण हुए लेकिन वक्त के हिसाब से पुलिस ने मोबाईल फोन के तकनीक को सीखा और सफल भी हुई लेकिन अब टेक्नोलोजी और अधिक आगे है। पुलिस को अपराधियों से अधिक तकनीकी ज्ञान हासिल करना होगा।

उन्होंने कहा कि यह कि संस्थान कैसे अस्तित्व में आया मैं इसके एक-एक विषयों से वाकिफ हॅू। उन्होंने इसे उत्कृष्ट केंद्र बनाने में निदेशक डॉ. जी. के. गोस्वामी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इन विषयों पर भी प्रकाश डाला कि कैसे उत्तर प्रदेश में मोबाइल फ़ोन के बढ़ते चलन ने अपराध दर को प्रभावित किया है? और कैसे पुलिस अधिकारी इन चुनौतियों का लगातार सामना कर रहे हैं?
उन्होंने “आइए इंटरनेट को डिज़ाइन द्वारा सुरक्षित बनाएँ” के दृष्टिकोण पर अपने विचार रखे और उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन स्पेस को सुरक्षित बनाने के लिए डार्क वेब के समानांतर एक ब्राइट वेब बनाने की पहल को प्रोत्साहित करने की बात रखी। उन्होंने अदालत में डिजिटल साक्ष्य को स्वीकार्य बनाने के लिए तकनीक को एकीकृत करने के महत्व का भी उल्लेख करते हुए और भी जानकारी साझा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि पुलिसिंग में कौशल ही सबसे ज़्यादा मायने रखता है। सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
इस अवसर पर अशोक कुमार (संयुक्त निदेशक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो लखनऊ) अशोक कुमार ने वित्तीय अपराधों की प्रकृति पर चर्चा की और उन्हें उपचारात्मक और निवारक दोनों दृष्टिकोणों से अपनी बात को प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में कानून एवं प्रवर्तन एजेंसियों को तकनीक और डेटाबेस से अच्छी तरह सुसज्जित किया जाना चाहिए। उन्होंने आज के अत्यधिक डिजिटल युग में इस कोर्स के महत्व के बारे में बताया तथा संस्थान को भाग लेने और ज्ञान साझा करने के अवसर के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर संस्थापक निदेशक डॉ0 जी.के. गोस्वामी ने बीपीआर एन्ड डी के सहयोग से प्राप्त कोर्स पर प्रकाश डालते हुए मंत्री असीम अरुण का मंच से आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि आज के दौर में पुलिस विभाग में वर्तमान तकनीकी पर फोकस करना जरुरी है।
प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव ने कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोर्स हमारे लिए एक चुनौती था लेकिन आज इसकी सफलता पर हमें बेहद ख़ुशी हो रही है। उन्होंने पाठ्यक्रम के समन्वय में आने वाली चुनौतियों को भी साझा किया।
इस अवसर पर यूपीएसआईएफएस के अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजिब मुखर्जी, अतुल यादव, विवेक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह, फैकल्टीज डॉ. श्रुति दास, चन्द्रमोहन सिंह, डॉ. मनीष राय, गिरिजेश राय, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. नेहा, डॉ. पलक एवं कार्तिकेय, सहित अन्य उपस्थित रहे।