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हेपेटाइटिस से बचाव के लिए करें सभी उपाए : प्रमुख सचिव



लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कण्ट्रोल कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) के तहत सभी 75 जनपदों के एनवीएचसीपी के जिला स्तरीय नोडल अधिकारी एवं जिला अस्पताल के नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। क्योंकि जागरूकता के अभाव में इससे प्रभावित रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसलिए इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थानों, चिकित्सालयों, कलेक्ट्रेट, आदि जगहों पर व्यापक प्रचार प्रसार सामग्री लगायी जाये।


उन्होंने कहा कि जिन जिलों में आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध हैं वहां पर वायरल लोड जाँच की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए। सभी गर्भवती का हेपेटाइटिस बी एवं सी की जाँच करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी संक्रमित शत प्रतिशत गर्भवती का आंकड़ा मंत्रा एप पर फीड करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी गर्भवती से जन्मे सभी नवजात को जन्म के 24 घंटे के भीतर एचबीआईजी का टीका लगाना सुनिश्चित किया जाये।
इसके अलावा ब्लड बैंक में जो मरीज पॉजिटिव आते हैं उनका इलाज सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही जिला कारागृह में बंदियों की हेपेटाइटिस की जाँच की जाये और पॉजिटिव आने पर इलाज सुनिश्चित किया जाये।
प्रमुख सचिव ने कहा कि दवाओं की कोई कमी नहीं है इसलिए सभी को पूर्ण इलाज दिया जाए और बचाव के सभी कदम उठाए जाएँ।

राज्य सर्विलान्स अधिकारी डाक्टर विकासेंदु अग्रवाल बताते हैं कि इस बीमारी से निपटने के लिए साल 2018 में राष्ट्रीय
वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम(एनवीएचसीपी) शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उपचार, निदान और इलाज की रणनीति के माध्यम से साल 2030 तक हेपेटाइटिस बी और सी का उन्मूलन करना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनवीएचसीपी के तहत क्या गतिविधियाँ की जानी हैं और क्या नए परिवर्तन हुए हैं इसके बारे में विस्तार से बताया गया।