Friday , November 22 2024

आइडीए राउंड : 54.21 लाख की आबादी को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य

सभी स्वास्थ्य इकाइयों और आयुष मंदिरों पर उपलब्ध रहेगी दवा 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलेगा। जिसके तहत लोगों को फाइलेरियारोधी दवा आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेन्डाजोल खिलाई जाएगी। इसी क्रम में बुधवार को अपर निदेशक कार्यालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि अभियान को सफल बनाने मे सभी मीडिया कर्मियों का सहयोग अपेक्षित है। आप सभी जन-जन तक यह संदेश अवश्य पहुंचाएं कि फाइलेरियारोधी दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही खानी है और यदि उस समय आप उपस्थित नहीं हैं तो स्वास्थ्य इकाई पर जाकर खा लें।

कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरएन सिंह ने बताया कि जनपद में 54.21 लाख की आबादी को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। ये दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को खानी है। अभियान के तहत 4500 टीमों के द्वारा घर-घर जाकर दवा का  सेवन कराया जायेगा, हर टीम में दो सदस्य होंगे। लगभग 550 सुपरवाइजर द्वारा कार्य का पर्यवेक्षण किया जाएगा। प्रत्येक टीम हर दिन कम से कम 25 घरों का भ्रमण कर दवा का सेवन कराएगी। विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, विद्यालयों, रेजिडेंट वेल्फेयर सोसायटी एवं अन्य संस्थाओं का आईडीए अभियान के लिए उन्मुखीकरण किया गया है तथा यहाँ पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराए जाने के लिए बूथ लगाए जाएंगे।

इसी क्रम में सभी मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सालयों, लखनऊ विश्वविद्यालय, पराग डेरी, ज्ञान डेरी तथा अमूल डेरी मे लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खाने के लिए जागरूक किया गया है। इसके साथ बहुमंजिला इमारतों, 75 आपर्टमेन्ट्स, 391 प्रधानों, 220 सरकारी / गैर सरकारी विद्यालय के 1228 प्रधानाचार्य एवं अध्यापक व 14472 विद्यार्थियों का उन्मुखीकरण किया गया है एवं सभी धार्मिक गुरुओं की अपील करवा कर जन जागरूकता कराई गई है।

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. गोपीलाल ने कहाकि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ, व्यक्तियों में जी मितलाने, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। इसका मतलब है कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे और फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों की मृत्यु होने के परिणामस्वरूप यह प्रतिक्रिया हुई है। सभी सीएचसी पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) बनाई गई है जो प्रतिकूल प्रतिक्रिया होने पर तुरंत आवश्यक सहयोग करेगी।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने कहाकि हम सामान्य हैं तो हम दवा क्यों खाएं, यह एक भ्रम है। क्योंकि संक्रमण के बाद फाइलेरिया के लक्षण 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं और तब तक हम जाने अनजाने रोग के प्रसार मे सहयोग करते हैं। फाइलेरियारोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और उच्च गुणवत्ता की हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं। सभी को ध्यान रखना होगा कि खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।

इस अभियान में सहयोगी संस्थाए भी सहयोग कर रहीं है जैसे सीफार संस्था के सहयोग से जनपद के पांच ब्लॉक में फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों और पेशंट प्लेटफार्म के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों व अन्य हितधारकों के साथ मिलकर समुदाय में जन जागरूकता हेतु विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रहीं हैं। पीसीआई के द्वारा प्रधानों, कोटेदारों और विद्यालयों में फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए जन जागरूकता कर रहे हैं और बूथ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि इस बार अभियान में सभी मीडिया कार्यालयों में भी बूथ लगाकर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराया जाएगा। कार्यशाला में फाइलेरिया मरीज सीमा सिंह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि अज्ञानतावश उन्होंने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन नहीं किया था जिसके कारण उन्हें यह बीमारी हुई है। फाइलेरिया के कारण उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सभी को बचाव की दवा का सेवन जरूर करना चाहिए, जिससे हमारी आने वाली पीढ़िया सुरक्षित रह सकें और हम अपने प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बना सके।

इस मौके पर सीफॉर संस्था के सहयोग से आकार फाउंडेशन के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक के मंचन द्वारा भी संदेश दिये गए। भोजपुरी गायक कृष्णानंद राय ने फाइलेरिया जागरूकता पर गीत प्रस्तुत किया।

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. निशांत निर्वाण, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. सोमनाथ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, डीसीपीएम विष्णु प्रताप, जिला मलेरिया इकाई के सदस्य, एडी ऑफिस के कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्था सीफॉर, पाथ, पीसीआई के प्रतिनिधि मौजूद रहे।