वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। “भारत भारती, जिसने उस पराधीनता के समय जन-जागरण का महती कार्य किया था, के रचयिता और पद्मभूषण से अलंकृत राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने अपने काव्य में राष्ट्रीयता और गाँधीवादी विचारधारा के अतिरिक्त परित्यक्ता नारी पात्रों की मार्मिक विरह गाथा को अपने काव्य में प्रमुख स्थान दिया है। …
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