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उत्तराखंड महोत्सव : गोमा तट पर दिखा पहाड़ी लोक संस्कृतियों का विहंगम संगम

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पंडित गोविंद बल्लभ पंत उत्तराखंड महोत्सव में कतारबद्ध लगे स्टाल तथा सुंदर ढंग से की गई सजावट, भव्य स्टेज पर चल रहे विविध रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा दिन में चल रही प्रतियोगिताएं महोत्सव में आए लोगों को आकर्षित कर रही हैं। महोत्सव में छोलिया दल भी लोक संस्कृति की झलक बीच-बीच में प्रस्तुत करता रहता है।

उत्तराखंड महापरिषद द्वारा आयोजित महोत्सव के द्वितीय दिवस का उद्घाटन सोमवार शाम मुख्य अतिथि समीरन सिन्हा रे (मुख्य महाप्रबन्धक एवं क्षेत्रीय प्रमुख, मानव संसाधन, उत्तरी क्षेत्र एवं पूर्वी क्षेत्र-2, एनटीपीसी), संगीता सिन्हा रे (उपाध्यक्ष, उत्तरा लेडीज़ क्लब, एनटीपीसी, लखनऊ) एवं महापरिषद के पदाधिकारियों ने परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

मुख्य अतिथि ने संबोधन में लोक कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में महापरिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन लोक कलाकारों को एक मंच उपलब्ध कराते हैं। जिनके माध्यम से लोक कलाकार लोक संस्कृति का संदेश वाहक बनकर अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों का प्रचार प्रसार करते हैं। इससे विशेष कर युवा आकर्षित होते हैं और ऐसे ही हमारी धरोहर संस्कृति अगली पीढ़ी को प्राप्त होती है।

दिन में 5 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए काफल एकल गायन प्रतियोगिता हुई। इसमें 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम अंबादत्त कांडपाल, द्वितीय देवेश्वरी पवार, तृतीय रेनू सिन्हा रही तथा निर्णायक सुनीता कनवाल, सीता नेगी रहीं। यह प्रतियोगिता पुष्पा वैष्णव, रेनू तिवारी, पुष्पा गैलाकोटी की देखरेख में सम्पन्न हुई। 

डॉ. रूबी राज सिन्हा के नेतृत्व में बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा ‘‘महिषासुर मर्दीनी’’ देवी के नौ रूप आदिशक्ति, शेरावाली मैया, काली माता, रुक्मिणी, महालक्ष्मी आदि स्वरूप में दिखाई दी। 

इस अवसर पर महापरिषद के संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत, महासचिव भरत सिंह बिष्ट, सचिव राजेश बिष्ट, मंगल सिंह रावत, महेश रौतेला, पूरन सिंह जीना, केएस चुफाल, शेर सिंह भाकुनी, भुवन पटवाल, अशोक अस्वाल, रमेश अधिकारी, सुरेश जोशी, सुनील उप्रेती, भुवन पाठक, पान सिंह, कैलाश सिंह आदि लोग उपस्थित थे।

मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह कनवाल ने बताया कि डांस उत्तराखंड डांस, नाचेगा भारत, झोड़ा, वॉइस ऑफ उत्तराखंड आदि प्रतियोगिताओं को बेहतर बनाने में पूरन सिंह जीना एवं महेन्द्र सिंह गैलाकोटी ने बहुत मेहनत की है। यह प्रतियोगितायें लोगों द्वारा पसंद भी की जा रही हैं।

कु0 आन्या भट्ट के नृत्य की प्रस्तुति, नम्रता मिश्रा का भजन एवं रंजना जोशी का गायन, सुप्रिया रावत का ‘‘भोजपुरी गायन’’ एवं लोक भजन, लोक संगीत फाउण्डेशन की प्रस्तुति, लोक संस्कृति फाउंडेशन की अनन्या, आव्या प्रीती नेगी ‘‘मेरी ढाई हाथे धमेली पूजी के कमरा’’ एवं ‘‘गुलाबी सरारा’’ का पहाड़ी लोक नृत्य, संगीत संस्कृति फाउण्डेशन की सीमा जोशी का नृत्य एवं रजनी गंधा के नेतृत्व में सामूहिक लोक नृत्य तथा सनातन संस्कार मंच की रजनी तिवारी के नेतृत्व में सुन्दर अवधी लोक गायन आदि सभी प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोहा। 

शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड जन कल्याण समिति, विकास नगर ने देवकी बोरा के नेतृत्व में झोड़ा, संस्कृति विभाग, देहरादून उत्तराखण्ड के सहयोग से हंसा नृत्य की प्रस्तुति हुई। नाटय कला विकास सोसायटी, देहरादून, गढ़वाल के दल द्वारा इन्दू भट्ट ममगई (संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड) के नेतृत्व में गणेश वन्दना, रासो, घसियारी (गायक-दुर्गा सागर, इन्दू ममगई, गौतम, सुनील कोठियाल, नृत्य कलाकार-संतोष, सतीश, रोहित, नीरज, मीनाक्षी, नियति, मानसी, पदमा एवं वाद्य कलाकार-ढोलक-गौरव आर्या, सिन्थसाइजर-शुभम, तबला-कुणाल जोशी, पैड हर्षित डांगी) की सुन्दर प्रस्तुतियों ने दर्शकों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराया।

झोड़ा प्रतियोगिता के 5 दल हेमा तिवारी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड जन कल्याण समिति विकास नगर, प्रेम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में देवभूमि वृन्दावन जनसरोकार समिति पीजीआई वृन्दावन क्षेत्र, माया बिष्ट के नेतृत्व में बृह्म कमल सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिति इन्दिरानगर विस्तार, सविता बिष्ट के नेतृत्व में सुगामऊ ने अपने अपने झोड़ो की सुन्दर छटा गोमा तट पर बिखेरी। 

सुरेन्द्र राजेश्वरी के संचालन में वाॅयस ऑफ उत्तराखण्ड में जगत सिंह धपोला, लक्ष्मण सिंह मर्तोलिया, दीपक परवाल, पंकज वाणगी की छपेली की प्रस्तुतियों ने पहाड़ी छटा बिखेरी।